ई-लॉटरी हुई तो सड़क पर आ जायेंगे शराब कारोबारी!
शराब विक्रेता वेलफेयर एसो. ने रखा पक्ष, जनवरी बीत रहा सस्पेंस जारी
- बोले 90 फीसद दुकानों में तय कोटा से ज्यादा माल डंप, फरवरी-मार्च बाकी
- 1500 करोड़ का माल अभी पड़ा, समय कम, जनवरी में हो जाती थी नई प्रक्रिया
लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कानपुर, बाराबंकी, बनारस, लखीमपुर, फैजाबाद, प्रयागराज, बरेली, उन्नाव, अंबेडकरनगर, सीतापुर, उरई, जालौन सहित तकरीबन 50 से अधिक जनपदों के फुटकर शराब कारोबारी लखनऊ में एकजुट हुए और मीडिया कर्मियों के समक्ष अपनी बातें रखीं। शराब विके्रता वेलफेयर एसो. उप्र के अध्यक्ष सरदार एसपी सिंह ने कहा कि जनवरी माह बीता जा रहा है और अभी तक नई आबकारी नीति 2025-26 पर विभाग ने सस्पेंस बना रखा है जोकि न्यायसंगत नहीं है।
आगे बोले कि अभी हमारे 90 फीसद दुकानों में विभाग द्वारा निर्धारित कोटे से अधिक तकरीबन 1500 करोड़ का माल पड़ा हुआ है, और जबकि नई आबकारी नीति का समय शुरू होने के कगार पर है, ऐसे में इतने कम समय में कहां पुराना माल बेचा या खपाया जाये। कार्यवाहक महामंत्री विकास मोहन श्रीवास्तव, महामंत्री शिव कुमार जायसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज जायसवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि अभी आगामी फरवरी व मार्च का कोटा राजस्व उठाना बाकी, ऐसे में विभाग ने अभी तक नई पॉलिसी के पत्ते नहीं खोले हैं। सभी ने एकजुट होकर कहा कि जब कोरोनाकाल में हम सभी ने दुकानें बंद रहते हुए लाइसेंसिंग फीस सहित अन्य आरोपित शुल्क दिये और पूरे आर्थिक सिस्टम को संभाला तो अब प्रदेश सरकार को हमें संभालना चाहिये और दुकानों के नवीनीकरण प्रक्रिया को लागू करना चाहिये।
मीडिया प्रभारी देवेश जायसवाल बोले कि सूबे के लगभग तीन लाख कारोबारियों का परिवार इस आबकारी उद्यम से जुड़ा है और पूरे प्रदेश में फुटकर की करीब 31 हजार दुकानें हैं तो ऐसे में प्रदेश सरकार को इस पर गंभीर विचार करना चाहिये। अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि बीते 14 नवंबर और 11 दिसंबर को हमारे पदाधिकारियों ने आबकारी आयुक्त से मीटिंग की और उन्हें सारे परिस्थितियों से अवगत कराया। इसी क्रम में प्रमुख सचिव से भी मिलकर उनको लिखित प्रस्ताव दिया गया और इसमें नवीनीकरण की मांग प्रमुखता के साथ रखी गई। इस दौरान रमेश जायसवाल, शुभम मौर्या, शंकर लाल कन्नौजिया, धर्मेंद्र सिंह, आशीष जग्गी सहित अन्य जनपदों के शराब कारोबारी मौजूद रहे।
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