प्रयागराज: शहर में खत्म हो रहा चावल, दाल, आटा, पेट्रोल पंप भी सूखे, सात घंटे नहीं चलीं नावें

प्रयागराज: शहर में खत्म हो रहा चावल, दाल, आटा, पेट्रोल पंप भी सूखे, सात घंटे नहीं चलीं नावें

महाकुंभ नगर। महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए भारी वाहनों की नो इंट्री से शहर में अब खाद्यान्न का संकट उत्पन्न होने लगा है। आटा, मैदा, सूजी के अधिकांश थोक कारोबारियों का भंडारण खत्म हो चुका है। पांच व दस किलो की आटा बोरी का स्टाक नहीं बचा। 30 व 50 किलो की आटा बोरी भी खोजे नहीं मिल रही है। जहां मिल रही है, वहां प्रतिकिलो में एक रुपये की बढ़ोतरी हो गई है।
 
वहीं, अरहर की दाल का स्टाक भी समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। इतना ही नहीं, बाजार में दाल की कीमत प्रतिकिलो तीन और चीनी में दो रुपये की तेजी आई है। इसके अलावा सरसों तेल व रिफाइंड पर भी संकट गहराने लगा है।
 
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वहीं, डीजल व पेट्रोल के टैंकर न आने से जिले करीब 50 से अधिक पेट्रोल पंप सूख गए हैं। पैकेट बंद दूध की गाड़ी की दिन में एक ही बार आ रही है, कई मोहल्लों में दूध का भी संकट हो गया है।
 
नावों के न चलने पर बढ़ी परेशानी
उधर सोमवार को सात तक घंटे तक नावें न चलने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हुई। पहले रेंगते हुए वाहन से, फिर पैदल चलकर श्रद्धालु घाट पर पहुंचे तो सभी नावें खड़ी थी। नाविक बोले....नाव नहीं मिलेगी। एक, दो, तीन नहीं सात घंटे बीत गए तो उसी घाट पर डुबकी लगा ली। जिन्होंने पहले से नाव की बुंकिंग कराई थी, उन्हें एक दिन और रुकना पड़ा।
 
सोमवार को किलाघाट, बोट क्लब, बलुआघाट, अरैल सहित दूसरे घाट का ऐसा ही हाल रहा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के आगमन के चलते सुबह पांच बजे के बाद नावों का संचालन रोक दिया गया। इससे लाखों श्रद्धालु संगम नहीं पहुंच सके।
शाम पांच बजे के बाद नाव संचालन की उम्मीद थी, लेकिन दिन ढलने के कारण कुछ देर के लिए केवल मोटर बोट का संचालन किया गया। चप्पू नावों का संचालन पूरी तरह बंद रहा। देर शाम गंगा का प्रवाह तेज होने से मंगलवार को भी नावों के संचालन की आशा कम ही है।
 
पांच हजार चप्पू नाव और 500 मोटर बोट का संचालन
महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है। स्नानार्थियों के लिए विभिन्न घाटों से करीब पांच हजार चप्पू नाव का संचालन हो रहा है। इसके अलावा विभिन्न विभागों द्वारा 500 मोटर बोट भी चल रही है। इन नावों के जरिये लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन स्नान करते हैं। सोमवार को राष्ट्रपति के मेला क्षेत्र में आगमन पर सभी तरह की नावों का संचालन पूरी तरह से रोक दिया गया।
 
पुलिस-प्रशासन ने ऐसा राष्ट्रपति की सुरक्षा के दृष्टिगत किया, लेकिन श्रद्धालुओं को दिनभर परेशान होना पड़ा। तमाम श्रद्धालुओं को नौका से संगम तक पहुंचने के लिए एक दिन होटल या दूसरी जगह और रुकना पड़ा, क्योंकि उन्होंने पहले से नाव बुक कराई थी। बिहार से आए रामजी सिंह ने कहा कि पहले से ही बोट बुक करा रखी थी लेकिन संगम में स्नान नहीं हो सका।
 
रामपुर के अशोक कुमार का कहना था कि हमने परिवार के साथ बोट से संगम तक पहुंचकर पुण्य की डुबकी लगाने की योजना बनाई थी। अंतत: पैदल ही जाना पड़ा।
 
नावों के संचालन पर निर्णय आज
सोमवार देर शाम गंगा का प्रवाह अचानक तेज हो गया है, जिससे संगम तट के पास कटान होने लगा है। ऐसे में मंगलवार को भी नावों के संचालन पर संकट नजर आ रहा है। संचालन पर रोक के संबंध में प्रशासन और नाविक संघ के बीच वार्ता बेनतीजा रही। संचालन रोके जाने का नाविक संघ ने विरोध किया।
 
इस पर मंगलवार सुबह 11 बजे तक कोई निर्णय लेने की बात कही गई। नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद ने कहा कि संगम तट पर स्नानार्थियों की सुरक्षा व सुविधा पर ध्यान देने की बजाय संचालन रोकने की तैयारी की जा रही है।
 
मेला क्षेत्र में सभी तरह के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित
स्नान पर्व माघी पूर्णिमा बुधवार को है, इसे लेकर पुलिस की ओर से ट्रैफिक और डायवर्जन प्लान लागू किया गया है। मेला क्षेत्र में सोमवार रात आठ बजे से सभी तरह के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल प्रशासनिक और चिकित्सकीय वाहन मेला क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे। यह व्यवस्था 13 फरवरी की सुबह आठ बजे अथवा भीड़ समाप्त होने तक लागू रहेगी।
 
महाकुंभ मेला क्षेत्र के लोग घरों में कैद संगम स्नान की लालसा लिए लाखों श्रद्धालु विभिन्न मार्गों से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। महाकुंभ क्षेत्र के आसपास के मोहल्लों की गलियों को बैरीकेडिंग कर बंद कर दिया गया है। दोपहर बाद पुलिस अधिकारियों ने यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए मेला से लेकर बाहरी क्षेत्र में खड़े वाहनों को उनके गंतव्य की ओर तेजी से भिजवाना शुरू किया।
साथ ही आने वाले वाहनों को निकटस्थ पार्किंग तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। इसके बाद कहीं जाकर धीरे-धीरे जाम का दबाव कुछ हद तक कम हुआ।
 
डीजीपी उत्तर प्रदेश, प्रशांत कुमार ने कहा
महाकुंभ में यातायात व्यवस्था सामान्य हो रही है। अब तक 40 करोड़ से अधिक लोग संगम में पुण्य स्नान का लाभ ले चुके हैं। रोजाना लाखों की संख्या में लोग प्रयागराज आ रहे हैं। इतनी संख्या में लोगों व वाहनों के प्रवाह का प्रबंधन पुलिस बल के लिए अब तक की सबसे कठिन चुनौती है। प्रयागराज के बुनियादी ढांचे की क्षमता से कई गुणा ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। ऐसे में यातायात में देरी स्वाभाविक है। इसके बावजूद, पुलिस के हर सिपाही से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक, सभी दिन-रात अथक परिश्रम कर रहे हैं। वे श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं और शहर को सुव्यवस्थित बनाए रखने में अपनी पूरी शक्ति झोंक रहे हैं।

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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