आरटीई के तहत नहीं दिया दाखिला, जयपुरिया-विश्वनाथ एकेडमी के मैनेजर तलब
एडमिशन न दिया तो रद्द होगी एनओसी
लखनऊ। आरटीई के तहत एडमिशन न देने वाले लखनऊ के कुछ स्कूलों पर आखिरकार विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। दो बड़े प्राइवेट स्कूल के मैनेजर को संयुक्त शिक्षा निदेशक ने नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी होने के 15 दिनों के भीतर स्कूल को प्रवेश न देने का कारण सहित जवाब देने के लिए कहा गया है। अगर जवाब न मिला या संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिलेगा तो स्कूलों की एनओसी रद्द कर मान्यता खत्म करने की कार्रवाई शुरू होगी। जिन स्कूलों को नोटिस दिया गया उनमें विश्वनाथ एकेडमी और गोमती नगर स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल है।
आरटीई के तहत किसी भी स्कूल में प्री नर्सरी और फर्स्ट क्लास में पढ़ रहे मौजूदा बच्चों की संख्या के आधार पर 25% सीटें आरटीई के तहत चयनित बच्चों के लिए होती है। फिर भी शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को सहूलियत देते हुए हर ब्रांच में 10 बच्चों को प्रवेश के लिए कहा था, लेकिन एक भी बच्चे का प्रवेश नहीं दिया। जबकि एक जुलाई से अभी फिर पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
ऐसे में बच्चों का सत्र पिछड़ेगा। आरटीई के तहत चयनित करीब 3000 के करीब बच्चे अभी भी ऐसे हैं जिनका प्रवेश होना बाकी है, लेकिन शहर के हाई प्रोफाइल निजी स्कूल आरटीई एक्ट को मानने को तैयार नहीं है। आरटीई के तहत पात्र बच्चे के गार्जियन का आय प्रमाण पत्र तहसील से जारी हुआ है, लेकिन अब यही आय प्रमाण पत्र निजी स्कूल प्रबंधक स्वयं जांच रहे हैं।
इस संबंध में अभी तक अभिभावकों की ओर से शिक्षा विभाग को दर्जनों शिकायतें मिल चुकी है। जबकि नियम के मुताबिक किसी भी सरकारी कागज जांच कोई निजी संस्थान का व्यक्ति नहीं कर सकता है। शिक्षा विभाग के लखनऊ मंडल के संयुक्त निदेशक डॉ.प्रदीप कुमार के मुताबिक RTE को न मानना निजी स्कूलों पर भारी पड़ सकता है। अभी नोटिस दी गई है। आगे कार्रवाई भी की जाएगी। बेहतर है कि सभी चयनित बच्चों को बिना देर किए स्कूल दाखिला दे।
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