भीषण गर्मी, पेयजल में लापरवाही, वेतन कटा-छुट्टी निरस्त!
एमडी जलकल कुलदीप सिंह ने किया विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय दौरा
- बोले, जल संकट में त्वरित रिस्पॉन्स व सतर्क निगरानी ही समाधान का मार्ग
लखनऊ। भीषण गर्मी और ग्रीष्मकालीन जल संकट की संभावना को देखते हुए जलकल विभाग ने शहरभर में स्वच्छ और नियमित जलापूर्ति बाधित न हो इसके लिए सख्त रुख अख्तियार किया है। महाप्रबंधक जलकल कुलदीप सिंह ने बुधवार को नगर के विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जलकल विभाग में आईजीआरएस (जन शिकायत निवारण प्रणाली), कंट्रोल रूम और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जोन तीन, जोन छह और जोन सात में शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं किया जा रहा था। एमडी ने संबंधित अधिशासी अभियंताओं से स्पष्टीकरण तलब किया है।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि शिकायतों के निस्तारण में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जवाबदेही तय की जाएगी। भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए जलापूर्ति की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी अभियंताओं को प्रात:कालीन निरीक्षण कर जल की टेस्टिंग एवं वितरण व्यवस्था की निगरानी के निर्देश पहले ही दिए जा चुके थे। बावजूद इसके जोन-7 के अवर अभियंता विक्रम सिंह द्वारा निर्देशों की अवहेलना करते हुए बुधवार को निरीक्षण नहीं किया। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए महाप्रबंधक ने उनके एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी किया। इसी के साथ गर्मी के इस संवेदनशील मौसम को देखते हुए जलापूर्ति व्यवस्था को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए जोन-5 एवं जोन-8 के अवर अभियंता देवेंद्र बहादुर सिंह की पांच दिन की स्वीकृत छुट्टी को निरस्त कर दिया गया है।
महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की व्यक्तिगत अनुपस्थिति के कारण यदि जलापूर्ति प्रभावित होती है तो यह जनता के हितों के विरुद्ध है और ऐसे मामलों में तत्काल प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। कुलदीप सिंह ने यह भी कहा कि विभागीय अधिकारियों को जनता की सेवा भावना के साथ कार्य करना चाहिए।
जल संकट की स्थिति में त्वरित रिस्पॉन्स और सतर्क निगरानी ही समाधान का मार्ग है। निरीक्षण के अंत में उन्होंने समस्त अभियंताओं को सख्त हिदायत दी कि वे नियमित फील्ड विजिट करें, टैंक व नलों की सफाई, लीकेज की मरम्मत और जल की गुणवत्ता की जांच पर विशेष ध्यान दें।
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