नौ की रैली में सभी प्रांतों के बिजली इंजीनियर व कर्मचारी आएंगे
लखनऊ। बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि बिजली के निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की चल रही अवैधानिक प्रक्रिया को तत्काल निरस्त किया जाए।
रविवार को चेन्नई में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की दक्षिण भारत के छह प्रांतों के पदाधिकारियों की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त करने की मांग करते हुए यह कहा गया है कि जिस तरह ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट के प्रावधान को हटाया गया है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण में भारी घोटाला होने वाला है। कोऑर्डिनेशन कमिटी ने उप्र के मुख्यमंत्री के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की उनकी सरकार बिजली के निजीकरण के नाम पर घोटाला नहीं होने देगी और निजीकरण की सारी प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाएगी।
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की चेन्नई मीटिंग में कोऑर्डिनेशन कमेटी के संयोजक प्रशांत चौधरी, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे,सेक्रेटरी जनरल पी रत्नाकर राव, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल सुदीप दत्त,ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज के अध्यक्ष एस मूर्ति,ऑल इंडिया पावर मेंस फेडरेशन के अध्यक्ष समर सिन्हा, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के संपत कुमार के अलावा केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पुडुचेरी और तमिलनाडु के बिजली कर्मचारियों के सभी संगठनों के अध्यक्ष, महामंत्री और वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।
कोऑर्डिनेशन कमिटी ने एक प्रस्ताव पारित कर उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के संघर्ष को खुला समर्थन देते हुए चेतावनी दी है कि यदि लोकतांत्रिक ढंग से संघर्ष कर रहे उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों का कोई भी उत्पीड़न किया गया तो देश के 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शक नहीं रहेंगे और आन्दोलन प्रारंभ करने के लिए बाध्य होंगे। यह भी निर्णय लिया गया की निजीकरण के विरोध में नौ अप्रैल को लखनऊ में हो रही रैली में देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर बड़ी संख्या में सम्मिलित होंगे।
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में चार बिजली महापंचायत आयोजित करने का निर्णय भी लिया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर 17 मार्च को राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त जनपदों में विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
टिप्पणियां