पहले जुमे पर वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन
लखनऊ। रमजान के पहले जुमे की नमाज के बाद वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। बड़ा इमामबाड़ा स्थित आसिफी मस्जिद में शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने नमाज के बाद रोजेदारों के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा है कि वक्फ बिल से मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को छीनने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें जितनी शर्तें लगाई हैं वो मस्जिदों के लिए हैं। नियम बनाने वाले लोग ऐसी शर्तें मंदिरों पर भी लगाकर दिखाएं।
जुमे पर मस्जिदों के बाहर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। विरोध प्रदर्शन कर रहे मौलाना कल्बे जव्वाद ने नारा लगाया ‘वक्फ बिल नहीं सांप का बिल है’। उन्होंने कहा है कि हुसैनाबाद ट्रस्ट जिला अधिकारी की निगरानी में है। वह बेईमानी कर रहे हैं। यह वक्फ संशोधन बिल नहीं है, बल्कि वक्फ बर्बादी बिल है। सारी शर्तें मस्जिदों के लिए क्यों लगाई जा रही हैं। मंदिर से चार सौ किलो सोना चोरी हो गया और सरकार उसका पता नहीं लगा पा रही है।
मौलाना ने कहा कि क्या किसी मंदिर का वक्फ नामा है। किसी मंदिर के पास कागज है। हमारा काम गलत चीजों का विरोध करना है वो हम करते रहेंगे। वक्फ बिल के समर्थन में जो दो-चार मुसलमान दिखाए जाते हैं जो कि गद्दार और चापलूस हैं। वो सरकार के पिट्ठू हैं। मौलाना ने कहा कि ये जो वक्फ बिल आया है वह कांग्रेस का बोया बीज है। कांग्रेस भाजपा की शिष्य है। जो काम उसने मुसलमानों के खिलाफ अधूरा छोड़ा था उसे बीजेपी पूरा कर रही है। कांग्रेस हमेशा मुसलमानों के विरोध में रही है। देश की सबसे बड़ी गद्दार जमात और पार्टी का नाम कांग्रेस है।
पार्टी के नेताओं ने वाकआउट करके धोखा दिया। कल्बे जव्वाद ने कहा कि वक्फ बिल दो लोगों की गद्दारी से पास हो सकता है- नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू। ये दोनों लोग अगर सरकार का साथ न दें, सरकार के पिट्ठू न बनें तो बिल पास नहीं होगा। उन्होंने कहा वह अपील करते हैं कि बिल पास न होने दिया जाए। इसके विरोध में चारों ओर प्रदर्शन होने चाहिए। सबसे ज्यादा प्रदर्शन बिहार और तेलंगाना में हो। 13 मार्च को दिल्ली का घेराव करेंगे।
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