एसीपी की फटकार के बाद मुकदमा दर्ज, खंगाले सीसीटीवी 

चार बदमाशों ने की लूटपाट, चारों फरार, ढूढ़े नहीं मिले लुटेरे

एसीपी की फटकार के बाद मुकदमा दर्ज, खंगाले सीसीटीवी 

लखनऊ। चिनहट कोतवाली स्थित कस्बा पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर बंधक बनाकर कृषि निदेशालय में तैनात कर्मी से चार बदमाशों ने लूटपाट की। उससे लिफ्ट मांग कर उसे एक कमरें में बन्दकर लूट की। पहले पुलिस इस वारदात को संदिग्ध मान रही थी। फिर पीड़ित को कोतवाली से टरका दिया। परेशान हालत में पीड़ित अपनी शिकायत लेकर एसीपी के पास पहुंचा। उनकी फटकार के बाद शुक्रवार देररात लूट का मुकदमा दर्ज हुआ। लुटेरें कोतवाली के महज 400 मीटर की दूरी पर वारदत को अंजाम देकर फरार हो गये। पुलिस अब तहकीकात करने और सीसीटीवी फुटेज खंगालने की बात कह रही है। हालांकि हाईटेक पुलिस शनिवार देररात तक लुटेरों का कोई सुराग हासिल नहीं कर सकी।

इंस्पेक्टर अश्वीनी चतुवेर्दी ने बताया कि अखिलेश कुमार गुप्ता पुत्र स्व. रायचन्द्र लाल गुप्ता निवासी कल्याणी विहार कमता, चिनहट कृषि निदेशालय में तैनात है। अखिलेश ने बताया कि वह सरस्वती अस्पताल, तिवारीगंज डाक्टर को दिखाने जा रहा था। मटियारी चौराहा पहुंचते ही एक आदमी ने लिफ्ट मांगा और कहा कि उसे दिक्कत है। कुछ दूर छोड़ दीजिए। इस पर वह अपनी मोटरसाइकिल में बैठा लिया।
 
पीड़ित की माने तो अचानक उसे पीछे से धक्का लगा और वह वहीं सड़क पर गिर गये। इस पर वे बेहोशी की हालत में चले गये। उन्हे एहसास हुआ कि तीन-चार लोग उसके पास आये और कहीं ले जाने लगे। जब होश में आया तो खुद को एक कमरें मे बन्द पाया। जहां चारो लोग थे और उसके साथ छीना छपटी कर रहे थे। आरोप है कि पर्स को छीन लिया जिसमें लगभग 5000 रुपये थे। वह ले लिया, मोबाइल फोन भी छीन लिया और गला दबाने लगे। पीड़ित की माने तो लुटेरों ने उनका कपड़ा निकाल दिया। कहा कि पासवर्ड बताओ डर से पासवर्ड बता दिया और कुछ देर बाद उसे कमरे मे बन्द कर भाग गए। साथ ही चांदी का ब्रासलेट और अंगूठी निकाल लिया। फिर चिल्लाने पर कुछ लोगो ने दरवाजा खोला तो ये   देख लुटेरें भाग निकले।
 
वहां से बाहर आने पर उसे ज्ञात हुआ कि वह चिनहट कोल्ड स्टोरेज के आसपास बंधक बना था। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि घर जाने पर एटीएम से बेलेन्स चेक किया तो लगभग 32000 रुपये निकल गया था। उनका मोबाइल फोन जिसमें दो सिम थे, लुटेरें अपने साथ ले गये। आनन-फानन घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस पहले इस घटना को संदिग्ध मान  रही थी। तहरीर ले ली, लेकिन  मुकदमा नहीं दर्ज किया। घटना छुपाने की कोशिश की। परेशान होकर पीड़ित ने एसीपी से मदद की गुहार लगायी। उनकी फटकार के बाद चिनहट कोतवाल ने बमुश्किल मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की। दावा किया गया कि जल्द लुटेरों को पकड़ लेंगे, लेकिन शनिवार देररात तक लुटेरों का कुछ पता नहीं चल सका था। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालने में लगी थी।
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