देश की श्रेष्ठ विधानसभाओं में सबसे आगे उत्तर प्रदेश की विधानसभा

देश की श्रेष्ठ विधानसभाओं में सबसे आगे उत्तर प्रदेश की विधानसभा

लखनऊ। देश की श्रेष्ठ विधानसभाओं में सबसे आगे उत्तर प्रदेश की विधानसभा पर्यटन का नया केंद्र बनता जा रहा है। पर्यटक छात्र छात्राएं आए दिन इसकी खूबसूरती देखने के लिए यहां आ रहे हैं। इसी क्रम में बहराइच तथा कानपुर के छात्र छात्राओं और अध्यापकों के दो दलों ने आज विधानसभा का भ्रमण किया।

इस दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को बताया कि अब तक विधानसभा के बारे में केवल सुना था लेकिन आज इसे देखकर यह बात सत्य हो गयी कि अपनी विधानसभा सबसे अच्छी विधानसभा है।

बहराइच के सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल 145 छात्र छात्राओं, 15 अध्यापक अध्यापिकाओं के अलावा कानपुर के एलेन हाउस पब्लिक स्कूल के 20 सदस्यीय दल ने पूरे विधानसभा परिसर का भ्रमण किया।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हे बताया कि यह विधानसभा केवल 403 विधायको की नही, बल्कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता की यह विधानसभा है। उन्होंने बताया कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था में जनता के प्रति जवाबदेही होने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी एक विधायक की ही होती है न कि किसी अधिकारी की। इसलिए जब तक विधायिका मजबूत नही होगी तब तक लोकतंत्र मजबूत नही होगा।

उन्होंने बताया कि 18वीं विधानसभा में अधिकतर  पढ़े लिखे विधायक हैं। यह भी कहा कि राजनीति का स्वरूप अब बदल रहा है। इसलिए अच्छे लोगों को राजनीति में आना चाहिए। एक छात्रा के सवाल के जवाब में श्री महाना ने बताया कि एक सिक्के दो पहलू की तरह ही लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।

इस मौके पर जब एक छात्र ने यह जानना चाहा कि  आखिर विधानसभा में क्या कार्य किए जाते हैं? इस पर श्री महाना ने उन्हे बताया कि विधानसभा में विधेयक पारित किए जाते हैं। जिसके अंतर्गत कानून व्यवस्था से लेकर जनहित के विकास के कार्य किए जाते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब मेें श्री महाना ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सभी सदस्यों को अपनी बात कहने का अधिकार होता है लेकिन कोई भी सदस्य बिना विधानसभा की नियमावली के तहत ही सदन में अपनी बात रह सकता है। इस मौके पर प्रमुख सचिव विधानसभा श्री प्रदीप कुमार दुबे भी उपस्थिति थें।

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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