उपराष्ट्रपति ने ग्वालियर में जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति का किया अनावरण

उपराष्ट्रपति ने ग्वालियर में जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति का किया अनावरण

ग्वालियर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय के 60वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जीवाजी राव ने आजादी के बाद जनता की सेवा, शिक्षा के लिए अविस्मरणीय काम किया। महाराज जीवाजी राव जानते थे कि शिक्षा समानता लाती है, शिक्षा जागरूकता लाती है, शिक्षा से ही लोकतंत्र और संविधान है। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसी सिलावट सहित कई विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन मेरे लिए सदैव अविस्मरणीय रहेगा। मैंने सिंधिया परिवार की तीन पीढ़ियों की राजनीति को देखा है। मुझे 1989 में राजमाता का आशीर्वाद मिला, जो आज मुझे इस मुकाम पर ले आया है। माधवराव संसद के माधव (कृष्ण) थे। उन्होंने सभी मंत्रालय में अपने काम से अमिट छाप छोड़ी है। रेल मंत्रालय में उन्होंने जो काम किया, वह सब जानते हैं। उनके काम और आकर्षण को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मुसीबत-दुख के समय माधवराव सबसे पहले फोन करते थे। आज संसद में माधव की ज्योति (ज्योतिरादित्य) को अनुभव कर रहा हूं। दुनिया आज सिंधिया परिवार की सेवा और परंपरा का लोहा मानती है।

उन्होंने कहा कि जीवाजी राव ने आजादी के बाद जनता की सेवा, शिक्षा के लिए अविस्मरणीय काम किया। उनकी मूर्ति के अनावरण पर आज का दिन मेरे लिए भावुक दिन है। महाराज जीवाजी राव जानते थे कि शिक्षा समानता लाती है, शिक्षा जागरूकता लाती है, शिक्षा से ही लोकतंत्र और संविधान है। महाराज में जनता की सेवा के लिए हमेशा ऊर्जा रहती थी। आज ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनके नक्शे कदम पर चल रहे है। सिंधिया के पास भविष्य के लिए विजन है, आज भविष्य के लिए ठोस विजन की जरूरत भी है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीस साल बाद देश की शिक्षा नीति बनाई है। वह भारत के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी। आज जमाना बदल गया है। हम टेक्नोलॉजी में मजबूत है। आज हम विदेशों को निर्यात करते हैं। युवा अपनी प्रतिभा का का उपयोग करते हैं। एआई का जमाना है, लेकिन इसमें संस्थाओं को जागरूक रहना जरूरी है। क्वालिटी एजुकेशन जरूरी है। चिंता का विषय है कि शिक्षा को व्यवसाय की बजाए सेवा के रूप में लेना चाहिए। मैं जीवाजी विश्विद्यालय के छात्रों को इंडियन पार्लियामेंटमेंट में आमंत्रित करता हूं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी संबोधित किया।

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