चुनावी शोरगुल थमा, प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

ग्वालियर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मध्य प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन कार्यक्रम के तहत चुनावी प्रचार का शोरगुल बुधवार को शाम 6 बजे थम गया। निर्धारित कार्यक्रम के तहत क्षेत्र में 17 नवम्बर को प्रात: 7 बजे से सायंकाल 6 बजे तक मतदान होगा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अक्षय कुमार सिंह द्वारा बुधवार को जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशों एंव दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा के आदेश जारी किये गये हैं। इन आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि चुनावी शोरगुल थमने के बाद कोई भी राजनैतिक दल/ प्रत्याशी या समूह के लोग एकत्रित होकर कोई जुलूस, जनसम्पर्क या रैली नहीं निकाल सकेंगे। आदेश के उल्लंधन की दशा में दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत कार्रवाई की जायेगी। साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-133 में तीन मास की अवधि तक का कारावास और जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सिंह ने बाहर से आये विभिन्न राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को 15 नवम्बर को सायंकाल 6 बजे के बाद जिले की सीमा से बाहर चले जाने के आदेश दिये हैं । उन्होंने कहा है कि इस आदेश का सख्ती से पालन कराया जायेगा। संबंधित अधिकारी व पुलिस प्रतिबंधित समय में होटल, लॉज, सामुदायिक भवन व धर्मशाला आदि पर नजर रखेंगे कि वहाँ कौन-कौन से व्यक्ति ठहरे हुये हैं।

जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चलचित्र, टेलीविजन व अन्य माध्यमों द्वारा जनता के समक्ष चुनाव संबंधी सचित्र प्रचार-प्रसार नहीं कर सकेगा। इसी तरह संगीत या नाट्य, अभिनय या अन्य कोई आमोद-प्रमोद के जरिए मतदाताओं को लुभाने के प्रयास नहीं किए जा सकेंगे। यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसे दो वर्ष तक की सजा और जुर्माना भुगतना होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिलेवासियों से निर्भीक होकर मतदान करने की अपील की है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि मतदान दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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