हिमाचल में बारिश बनी आफत, चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाइवे पर भूस्खलन, 10 ज़िलों में बाढ़ का अलर्ट

हिमाचल में बारिश बनी आफत, चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाइवे पर भूस्खलन, 10 ज़िलों में बाढ़ का अलर्ट

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश हो रही है। बीती रात से लगातार जारी मूसलधार बारिश ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर भूस्खलन, पेड़ों के गिरने और नदी-नालों के उफान पर आने से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। मौसम विभाग ने आज और कल के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि पांच जुलाई तक व्यापक वर्षा की चेतावनी दी गई है।

चक्की मोड़ पर फिर टूटी NH-05 की रफ्तार

सोलन जिले के परवाणू थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चण्डीगड़-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर स्थित चक्की मोड़ के पास रविवार को भारी भूस्खलन हुआ। इससे चंडीगढ़-शिमला मार्ग करीब डेढ़ घंटे तक पूरी तरह बंद रहा। बारिश के चलते पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से सड़क बाधित हो गई थी। कड़ी मशक्कत के बाद राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण और पुलिस ने एक लेन को साफ कर यातायात आंशिक रूप से बहाल किया। फिलहाल वाहनों की आवाजाही एक ही लेन से हो रही है, जिसे पुलिस टीमों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।

इससे पहले पिछली बरसातों में भी चक्की मोड़ पर बारिश के चलते सड़क पूरी तरह बह गई थी और एनएच-05 कई दिनों तक बंद रहा था। इस बार भी मानसून की भारी बारिश में वैसी ही स्थिति दोबारा बन गई है। सड़क का वैकल्पिक मार्ग जंगेशू रोड भी भूस्खलन की चपेट में आ गया है, जिसे खोलने का कार्य तेजी से चल रहा है। इस मार्ग के बहाल होने के बाद कसौली से चंडीगढ़ की ओर जाने वाला ट्रैफिक वहां से डायवर्ट किया जाएगा।

कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर मलबा, ट्रेन सेवा पर असर

कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर सोलन में पेड़ और पत्थर गिरने से रेल सेवा प्रभावित हुई है। ट्रैक से मलबा हटाने का कार्य जारी है। इससे पर्यटकों और स्थानीय यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने बताया कि जिले में 24 घंटे का इमरजेंसी ऑपरेशन सिस्टम सक्रिय है। सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और नदी-नालों से दूरी बनाए रखें। बीबीएन क्षेत्र में नदी किनारे बसी बस्तियों को अलर्ट कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

शिमला में लैंडस्लाइड से खतरा, पेड़ गिरने से सड़कें बाधित

राजधानी शिमला और उसके आसपास के इलाकों में भी भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। खलीनी के मिस्ट चैंबर क्षेत्र में लैंड स्लाइड के कारण दो मकानों को खतरा पैदा हो गया है। यह भू-स्खलन पास में चल रहे निर्माण कार्य के कारण हुआ है। पंथाघाटी-जुंगा मार्ग पर बेल्स इंस्टीट्यूट के पास एक विशालकाय पेड़ गिर गया, जिससे सड़क अवरुद्ध हो गई। वहीं चमयाना स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को जाने वाली सड़क पर जगह-जगह मलबा आने के कारण लोगों को पैदल ही अस्पताल तक पहुंचना पड़ा।

मंडी में सबसे ज्यादा बारिश, ब्यास नदी के लिए अलर्ट

प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक बारिश मंडी जिले के जोगिंदरनगर में 135 मिमी दर्ज की गई। सोलन के कसौली में 125, काहू में 119, सिरमौर के पांवटा साहिब में 116, सुंदरनगर में 96, शिमला में 91, कुफरी में 89 और बिलासपुर में 86 मिमी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष दस जिलों में अगले 24 घण्टे फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया है।

वहीं मंडी जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि पंडोह डैम के गेट आज खोले जा सकते हैं जिससे ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की अपील की है।

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