बस्तर दशहरा के नए रथ निर्माण के लिए लकड़ियां पहुंचनी शुरू हुई
जगदलपुर। रियासत कालीन बस्तर दशहरा के लिए नए रथ निर्माण के लिए लकड़ियां पहुंचनी शुरू हो गई है। इन लकड़ियों को जगदलपुर के सिरहासार भवन के पास तहसील के कर्मचारियों ने जेसीबी की मदद से रखवाया गया। लकड़ियों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है जो तीन से चार दिनों तक चलेगा। आज गुरूवार काे पहले दिन 6 ट्रकों से लकड़ियां लाई गई एक-दो दिनों में कारीगर पहुुंचकर रथ निर्माण शुरू कर देंगे। तहसील के कर्मचारियों ने बताया कि, रथ कारीगरों को जगदलपुर आने के लिए निमंत्रण भेज दिया गया है। उम्मीद है कि वे 22 सितंबर तक आ जाएंगे। इसके बाद इस वर्ष 8 चक्कों वाला विजय रथ का निर्माण किया जाएगा। इस रथ को बनाने के साथ ही इससे पहले 4 चक्के वाला फूल रथ का सुधार कार्य किया जाएगा। बस्तर दशहरा में रथ निर्माण के लिए पिछले साल 8 से 10 ग्रामाें पुशपाल, माचकोट, नानगुर, नेगानार, दरभा, पंडरीपानी, बिरिंगपाल और चित्तालूर से लकड़ी लाई गई थी। इस साल इसके साथ ही अन्य गांव से लकड़ी जाएगी। उल्लेखनीय है कि, रथ निर्माण के लिए लकडियां लाने संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार, आरआई और राजस्व कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है।इसके बाद विशालकाय दुमंजिला रथ का निर्माण शाुरू हाे जायेगा, रथ निर्माण का कार्य बेड़ाउमरगांव एवं झाड़उमर गांव के ही ग्रामीण कारीगराें द्वारा 15 दिनों में इस रथ का निर्माण किया जाता है। इस रथ को बनाने के लिए 100 से अधिक ग्रामीण और रथ कारीगर शहर के सीरहासार भवन में रुककर रथ तैयार करते हैं।
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