कोरबा : बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को बचाने रात भर चला रेस्क्यू , तड़के तीन बजे सभी 17 लाेग सुरक्षित लौटे

कोरबा : बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को बचाने रात भर चला रेस्क्यू , तड़के तीन बजे सभी 17 लाेग सुरक्षित लौटे

कोरबा-पाली। खेती किसानी करने गए पाली ब्लॉक के ग्राम ढुकुपथरा एवं पोंडी के लब्दापारा के 17 ग्रामीण रविवार को शाम को हुई भारी बारिश से आई बाढ़ में फंस गए । कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में राजस्व विभाग पाली,थाना पाली ,जिला आपदा प्रबंधन नगर सेना कोरबा एवं राज्य आपदा टीम बिलासपुर की टीम ने रविवार शाम से संयुक्त रेस्क्यू अभियान चलाकर आज सोमवार की तड़के 3 बजे सभी 17 लाेगाें को महफूज कर लिया है। भयावह बाढ़ में मौत का 10 घण्टे तक सामना कर देवदूत बनी संयुक्त टीम की पहल से सुरक्षित लौटने वाले बच्चों से लेकर बड़ों के चेहरे पर जिंदगी के क्या मायने हैं साफ झलक रहे थे। सभी ने शासन की संयुक्त टीम का आभार जताया।

कोरबा सहित आसपास के जिलों में लगातार हो रही बारिश से कोरबा जिले की नदियां और नाले भी उफान पर हैं। बारिश के कारण जल भराव के हालातों से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पाली ब्लॉक के ग्राम ढुकुपथरा एवं पोंडी के लब्दापारा के 17 ग्रामीण रविवार को शाम को हुई भारी बारिश से आई बाढ़ में फंस गए। जिसमें मासूम से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी शामिल थे। ये सभी खेती के कार्य से गए थे। नदी में बाढ़ के हालात निर्मित होने पर वापस नहीं आ सके। ग्रामीणों के बाढ़ में फंसे होने की सूचना मिलते ही हड़कम्प मच गया। जिला प्रशासन ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में पाली तहसीलदार सूर्य प्रकाश केशकर के नेतृत्व में राजस्व ,राजस्व विभाग पाली,थाना पाली ,जिला आपदा प्रबंधन नगर सेना कोरबा एवं राज्य आपदा टीम बिलासपुर की टीम ने रविवार शाम को ही संयुक्त रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। सोमवार की तड़के(सुबह ) 3 बजे सभी 17 जिंदगी को महफूज कर लिया है। भयावह बाढ़ में मौत का 10 घण्टे तक सामना कर सुरक्षित वापस लौटे ग्रामीणों के चेहरे पर खुशियाँ एवं सुकून देखी जा सकती थी। सभी ने देवदूत बने संयुक्त टीम का आभार जताया।

चेतावनी को नजर अंदाज करना पड़ा था भारी

इस पूरे प्रकरण में भारी बारिश एवं बाढ़ की चेतावनी की अनदेखी भारी पड़ी है। जिला प्रशासन ने मीडिया ,मुनादी समेत अन्य माध्यमों से पूर्व दिवस ही अलर्ट जारी कर नदी ,नालों से लगे तटीय इलाकों के रहवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी थी। प्रशासन की चेतावनी को नजरअंदाज कर भारी बारिश के बीच खेती किसानी के कार्य को जीवन से भी बढ़कर सर्वोच्च प्राथमिकता देने का ही यह परिणाम था। घटना का सुखद पहलू यह था कि सभी 17 जिंदगी को महफूज कर लिया था,अन्यथा यह जिले की एक भयावह हादसे में परिवर्तित हो सकता था। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ग्रामीणों को भी जागरूकता का परिचय देना होगा। अभी पूरे 2 माह तक बारिश होंगे ,बाढ़ के भी हालात निर्मित हो सकते हैं। जहाँ सावधानी, समझदारी दिखानी होगी।

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