'पुण्य का पड़ाव' ही नहीं, 'नव्य अयोध्या' के वैभव की पहचान भी है 'राम की पैड़ी'

'पुण्य का पड़ाव' ही नहीं, 'नव्य अयोध्या' के वैभव की पहचान भी है 'राम की पैड़ी'

-सरयू घाट के पास स्थित इस पवित्र क्षेत्र का सभी तीर्थों से बढ़कर है पौराणिक महत्व

वर्षों तक अस्तित्व के संकट से जूझती रही राम की पैड़ी, योगी सरकार ने किया कायाकल्प

-योगी सरकार ने 105.65 करोड़ रुपए से जीर्णोद्धार व विकास कार्यों को पूरा कर नव्य आभा व भव्य स्वरूप से किया राम की पैड़ी को सुशोभित

-पंप हाउस, चैनल, बैराज तथा पक्के घाटों के निर्माण के साथ ही म्यूरल आर्ट पेंटिंग व लाइट एंड साउंड शो ने दिया भव्य रूप

-राम की पैड़ी के कारण अयोध्या के प्रसिद्ध पुरातन मंदिरों में शुमार नागेश्वर नाथ मंदिर, चंद्रहरि मंदिर, विष्णु हरि मंदिर व सरयू मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ी संख्या

-तीर्थयात्रियों, पर्यटकों को आध्यात्मिक महत्व से इतर सुकून भरे वातावरण, नवीन साज-सज्जा, लेजर साउंड शो जैसे आकर्षण कर देते हैं मंत्र मुग्ध

अयोध्या। सनातन धर्म की सप्त पुरियों में विख्यात अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव व आधुनिक विकास के नए प्रतिमानों संग तालमेल को अगर कोई स्थान सबसे अच्छे से परिभाषित कर सकता है तो वह निश्चित तौर पर राम की पैड़ी ही है। पौराणिक काल से इस क्षेत्र का अपना महत्व रहा मगर वर्षों तक अवहेलना का शिकार रही राम की पैड़ी का जब डबल इंजन की सरकार ने विकास शुरू किया तो अयोध्या की गौरवगाथा में एक नया अध्याय जुड़ गया। आज राम की पैड़ी पुरातन अयोध्या के साथ ही नव्य अयोध्या के वैभव का भी सबसे अहम पड़ाव है। यह श्रद्धा का केंद्र तो है ही, साथ ही नदी किनारे सुकून से परिवार संग सांस्कृतिक कार्यक्रम देखते हुए वक्त बिताने का मनोरम स्पॉट भी है। यहां आर्टिफिशियल चैनल के जरिए सरयू नदी का पानी लाया गया है तथा यह हेरिटेज सिटी के तौर पर अयोध्या के खोए वैभव को साकार करने की दिशा में सकारात्मक माध्यम बनकर उभरा है। योगी सरकार ने 105.65 करोड़ रुपए के विभिन्न जीर्णोद्धार व विकास कार्यों को पूरा कर नव्य आभा व भव्य स्वरूप से राम की पैड़ी को सुशोभित किया है।

स्वयं श्रीराम ने लक्ष्मण को बताई थी पैड़ी की महिमा
राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों की एक श्रृंखला है। यहां को लेकर ऐसी पौराणिक मान्यता है कि श्रीराम इसी पैड़ी से होकर सरयू में स्नान करने जाते थे। कहा जाता है कि एक बार जब लक्ष्मण जी ने सभी तीर्थों के दर्शन करने का मन बनाया तो श्रीराम ने अयोध्या में सरयू किनारे तट पर खड़े होकर कहा कि जो व्यक्ति सूर्योदय से पूर्व इस स्थल पर सरयू नदी में स्नान करेगा उसे समस्त तीर्थ में दर्शन करने के समान पुण्य प्राप्त होगा। माना जाता है कि सरयू के जिस तट पर श्रीराम ने ये बात कही वहीं आज राम के पैड़ी के नाम से प्रसिद्ध है। यही वजह है कि पूर्णिमा पर यहां स्नान का विशेष महत्व है और यहां स्नान करने वाले को सभी तीर्थों का पुण्य यहां स्नान करने से मिल जाता है।

2017 पहले और आज में जमीन-आसमान का फर्क
राम की पैड़ी का जो आज भव्य स्वरूप देखने को मिल रहा है 2017 के पहले इसकी कल्पना करना भी संभव नहीं था। यहां पिछली सरकारों के दौरान कोई खास कार्य नहीं हुआ तथा पिछले बड़े स्तर का जीर्णोद्धार कार्य 1985 में हुआ था। मगर, अयोध्या को उसके पुरातन स्वरूप प्रदान करने के लिए सीएम योगी ने संकल्प लिया तो राम की पैड़ी अपने वास्तविक भव्य व अलौकिक स्वरूप में संवर उठी। इतना ही नहीं, अयोध्या के पुरातन मंदिरों में शुमार नागेश्वर नाथ मंदिर, चंद्रहरि मंदिर, विष्णु हरि मंदिर व सरयू मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है। श्री चंद्रहरि महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामीकृष्णकान्ताचार्य ने इस विषय में बताया कि राम की पैड़ी का जो भव्य सौंदर्यीकरण योगी सरकार द्वारा किया गया है वह न केवल अनुकरणीय है बल्कि इसमें पुराणों में उल्लेखित राम की पैड़ी के स्वरूप का भी ध्यान रखा गया है। उनके अनुसार, सीएम योगी के इतर किसी भी अन्य मुख्यमंत्री सपने में भी राम की पैड़ी व अयोध्या के जीर्णोद्धार को इतने भव्य स्वरूप में पूर्ण नहीं कर सकता था। 

इन कार्यों ने राम की पैड़ी को बनाया खास...
पंप हाउस रीकंस्ट्रक्शन: राम की पैड़ी पर 24.81 करोड़ रुपये की लागत से पंप हाउस का रीकंस्ट्रक्शन कर आर्टिफिशियल चैनल में जलस्तर को बनाए रखने में मदद मिली। 

चैनल री-कंस्ट्रक्शनः 56.03 करोड़ रुपए के जरिए पार्ट बी रीकंस्ट्रक्शन ऑफ चैनल प्रक्रिया को पूर्ण किया गया। इसके जरिए पूरे चैनल में कई बैराज बनाए गए जिनके जरिए जलस्तर को बरकरार रखने में मदद मिली। इसके साथ ही, पक्के घाटों के निर्माण व जीर्णोद्धार प्रक्रिया को भी पूर्ण किया गया। 

म्यूरल आर्ट पेंटिंगः राम की पैड़ी पर दीवारों को म्यूरल आर्ट के जरिए भी सजाया जा रहा है जिसमें रामायण के प्रसंगों समेत पौराणिक घटनाओं व पात्रों के मनमोहक चित्रण को देख लोग सुखद आश्चर्य से भर उठते हैं।

लाइट एंड साउंड शोः यहां भरत व शत्रुघ्न घाट के बीच विशाल प्रोजेक्टर स्क्रीन लगाई गई है जिसके जरिए एक बार में हजारों लोग भव्य साउंड व लेजर शो का मजा ले सकते है।

इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्लेः घाट पर विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले भी लगाए गए हैं जिनमें रामानंद कृत रामायण को दिखाया जाता है। इसके अलावा भक्ति गीत और सरकारी योजनाओं के बारे में इनके जरिए जागरुकता का प्रसार भी किया जाता है।

कल्चरल एरियाः घाट पर एक विशिष्ट सांस्कृतिक स्थल भी है जो ओपन एयर थिएटर का कार्य करता है। यहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन भी 15 जनवरी से 22 जनवरी के मध्य होगा।

सोलर विंटेज लाइटिंगः राम की पैड़ी पर सोलर पैनल युक्त विक्टोरियन विटेज थीम्ड आर्क व एलईडी लैंप युक्त लाइटिंग की गई है जो घाट समेत पूरे पेवमेंट को शानदार लुक देता है। इसके अतिरिक्त, घाट पर फसाड लाइटिंग भी की गई है जो नव्य आभा प्रदान करता है।

भव्य फाउंटेन डिस्प्लेः राम की पैड़ी के सरयू चैनल में पंप हाउसेस इंस्टॉलेशन के जरिए भव्य फाउंटेन को भी लगाया गया है जो आकर्षक रोशनी सज्जा व साउंड सिंक्रोनाइजेशन के जरिए भव्य व सुकूनमय आभा प्रदान करता है।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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