आईसीएसई व आईएससी परीक्षा के परिणाम घोषित किए

जमशेदपुर की शांभवी बनी नेशनल टॉपर, मिला 100 प्रतिशत अंक

आईसीएसई व आईएससी परीक्षा के परिणाम घोषित किए

  • लड़कियों ने एक बार फिर मारी बाजी

नई दिल्ली। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने बुधवार को आईसीएसई (कक्षा 10वीं) और आईएससी (कक्षा 12वीं) परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस वर्ष आईसीएसई का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 99.09 प्रतिशत और आईएससी का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 99.02 प्रतिशत है।आईसीएसई परीक्षा में कुल 2,52,557 छात्र शामिल हुए थे, जिनमें से 2,50,249 छात्र पास हुए हैं। इसी तरह आईएससी परीक्षा में 99,551 छात्र शामिल हुए थे, जिनमें से 98,578 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं।

आईसीएसई में लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। लड़कियों का पास प्रतिशत 99.37 प्रतिशत और लड़कों का पास प्रतिशत 98.84 प्रतिशत है। आईएससी में भी लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जहां उनका उत्तीर्ण प्रतिशत 99.45 प्रतिशत रहा तथा लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 98.64 प्रतिशत रहा।

उल्लेखनीय है कि इस साल आईसीएसई कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं 21 फरवरी से 28 मार्च तक आयोजित की गईं, जबकि आईएससी कक्षा 12 वीं की बोर्ड परीक्षाएं 13 फरवरी से 5 अप्रैल तक चलीं। पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) की बेटी शांभवी जायसवाल ने आईसीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि से न केवल जमशेदपुर, बल्कि झारखंड और समूचे देश को गौरव की अनुभूति हुई है। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की ओर से बुधवार को घोषित 10वीं (आईसीएसई) और 12वीं ( आईएससी) परीक्षाओं के नतीजों में जमशेदपुर के लोयला स्कूल की छात्रा शांभवी जायसवाल ने इतिहास रच दिया।

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उन्होंने 10वीं की परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त कर देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया।शांभवी के पिता, डॉ. अभिषेक जायसवाल, मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट हैं, जबकि उनकी मां, डॉ. ओजस्वी शंकर, टाटा मणिपाल हॉस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। सांभवी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, स्कूल के प्राचार्य, उप-प्राचार्य और शिक्षकों को दिया है। भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए सांभवी ने बताया कि वह 12वीं की पढ़ाई विज्ञान संकाय से पूरी कर आईआईटी से इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं।  लड़कियों ने एक बार फिर बाजी मारी, जहां छात्राओं का सफलता प्रतिशत 99.37 और छात्रों का 98.84 रहा।

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