हृदयनारायण दीक्षित को मिला पद्मश्री सम्मान, जिले को दिलाया गर्व
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पत्रकार और साहित्यकार के रूप में बहुमुखी योगदान
उन्नाव। जनपद के लिए यह गौरव का क्षण है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हृदयनारायण दीक्षित को वर्ष 2025 के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की उपलब्धि है, बल्कि समूचे जिले को गौरव की अनुभूति कराता है।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की जाती है, जो देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। ये पुरस्कार तीन श्रेणियों—पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री—में दिए जाते हैं। वर्ष 2025 के लिए कुल 139 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिनमें 113 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं। इस वर्ष सम्मानित व्यक्तियों में 23 महिलाएं, 10 विदेशी/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई और 13 मरणोपरांत पुरस्कार प्राप्तकर्ता भी शामिल हैं।
हृदयनारायण दीक्षित का चयन साहित्य, पत्रकारिता और समाजसेवा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए किया गया है। वे उत्तर प्रदेश सरकार में संसदीय कार्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने भाजपा के जिला अध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं।
राजनीति के साथ-साथ उनका साहित्य और पत्रकारिता में भी विशिष्ट स्थान रहा है। उन्होंने लंबे समय तक समाचार पत्रों के माध्यम से आम जनमानस की आवाज को प्रमुखता से उठाया। 2017 में उन्होंने भगवंतनगर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर विधानसभा अध्यक्ष का पद भी संभाला।
पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद जनपदवासियों और उनके शुभचिंतकों में हर्ष की लहर है। सभी ने इस सम्मान को दीक्षित की सादगी, समर्पण और जनसेवा की स्वीकार्यता के रूप में देखा है।
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