आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान को यूएन में उपाध्यक्ष बनाया जाना अस्वीकार्य- प्रमोद तिवारी
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने लोकसभा मंे उपाध्यक्ष के चुनाव न कराये जाने को बताया मोदी सरकार की तानाशाही
लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने यूएन द्वारा ताजा घटनाक्रम के तहत पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष चयनित किये जाने को पूरी तरह से अस्वीकार्य व दुर्भाग्यपूर्ण कहा है। उन्होने कहा कि पाकिस्तान की भूमिका दुनिया के सामने आतंकवादी पोषक देश के रूप में पूरी तरह जगजाहिर है। उन्होेने कहा कि इसके बावजूद शत्रु राष्ट्र के साथ हुए सैन्य टकराव को लेकर यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टंªप द्वारा भारत और पाकिस्तान की समकक्षीय तुलना दुनिया के कई मंचो पर किया गया। उन्होने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराए जाने का श्रेय लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप विश्वपटल पर लगातार खुला राग अलापते आ रहे है। उन्होने कहा कि टंªप की इस दावेदारी पर मोदी सरकार की खामोशी के चलते ही यूएन में आतंक के पनाहगार पाकिस्तान को उल्टे आतंकवाद से लड़ने के लिए पदाधिकारी चयनित कर तवज्जो दी जा सकी। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यूएन के इस चौंकाने वाले कदम को भारत की विदेश नीति के भी पराभव का एक और चिन्ताजनक पहलू करार दिया है। उन्होनंे कहा कि यह भी अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि आपरेशन सिन्दूर के बीच अर्न्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की सहायता किस्त जारी की गयी। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भारत को पूरी दमदारी के साथ आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान की इस आवांछित ताजपोशी का कूटनय के जरिए सशक्त जबाब दिये जाने की आवश्यकता है। वहीं उन्होनें आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की घेराबंदी के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्डल की प्रधानमंत्री के साथ हुई मुलाकात के नतीजे को भी देश के सामने रखे जाने पर जोर दिया है। उन्होने कहा कि कांग्रेस समेत विपक्ष ने आतंकवाद से लडने के लिए सर्वदलीय बैठक में सरकार को समर्थन के अपने वचन को निभाया है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि आपरेशन सिन्दूर का समर्थन करते हुए सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्डल में कांग्रेस ने दुनिया के सामने भारत का पक्ष मजबूती से रखा है। उन्होने कहा कि आतंकवाद को पूरी तरह से मिटाने के लिए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने विश्व मंचों पर सरकार का समर्थन करते हुए अपने दिये गये वचन को सफलतापूर्वक निभाया। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि हालांकि सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्डल में भी पार्टी के सुझाए नामों की जगह मोदी सरकार ने कांग्रेस के सदस्यों का चयन अलग से हटकर किया। उन्होने कहा कि लोकतांत्रिक गरिमा के विपरीत मोदी सरकार का यह रवैया राष्ट्रीय मसले पर भी विभेद की नीति जाहिर कर गया। उन्होने कहा कि सरकार के सैन्य सफलताओं के राजनीतिकरण के बावजूद प्रमुख विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस ने आतंकवाद से लड़ाई में सरकार और सेना का कदम कदम पर समर्थन जारी रखा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्डल के वापस आने के बाद संसद का विशेष सत्र और भी जरूरी हो गया है। उन्होनें कहा कि संसद के सत्र में सरकार बताये कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्डल की कितने राष्ट्राध्यक्षों या विदेश मंत्रियों से मुलाकात हुई है? वहीं उन्होनें कहा कि देश यह भी जानना चाहेगा कि दुनिया के कितने राष्ट्रों ने आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने में समर्थन की घोषणा की है? वहीं राज्यसभा मंे विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने लोकसभा में उपाध्यक्ष पद पर चुनाव कराये जाने की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मांग का जोरदार समर्थन किया है। उन्होने कहा कि उन्नींस सौ बावन से यह परम्परा रही है कि मजबूत लोकतंत्र के लिए लोकसभा का उपाध्यक्ष विपक्ष का होगा। उन्होनें कहा कि लोकसभा के दो कार्यकालों में अब तक उपाध्यक्ष पद का निर्वाचन न होना भाजपा का लोकतंत्र में विश्वास न होने का स्पष्ट संकेत है। उन्होनें कहा कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल में इस संसदीय परम्परा का भी संविधान के प्राविधानों के बावजूद निर्वहन नही कर रही है। उन्होने कहा कि उपाध्यक्ष पद की रिक्तता मोदी सरकार की संसदीय लोकतंत्र की गरिमा के विपरीत तानाशाही का द्योतक है। उन्होने कहा कि लोकसभा के उपाध्यक्ष पीठासीन के दायित्व निर्वहन के साथ कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों के पदेन अध्यक्ष हुआ करते हैं। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि लोकतंात्रिक व्यवस्था में उपाध्यक्ष निर्वाचित न होने की दशा में कई महत्वपूर्ण समितियां काम नहीं कर रही हैं। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का बयान बुधवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।
टिप्पणियां