152 ब्लॉकों में होगी रात में रक्त जांच
लखनऊ। प्रदेश सरकार एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। प्रदेश के 21 जनपदों के 152 ब्लॉकों में प्री-ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (प्री-टास) 25 जून से दस जुलाई तक आयोजित किया जाएगा। इस सर्वे के माध्यम से फाइलेरिया के संक्रमण की स्थिति का आकलन किया जाएगा। राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. ए.के. चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्री-टास सर्वे नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) तकनीक से किया जाएगा,हालांकि इसके लिए चुनी गई साइट्स एनबीएस से भिन्न होंगी। डॉ.चौधरी 21 जिलों की वेक्टर बोर्न टीम के साथ प्री टास सर्वे की तैयारियों पर शुक्रवार को वर्चुअल बैठक में ये चर्चा कर रहे थे।
इस सर्वे में बीस वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की रात दस बजे के बाद रक्त की जांच की जाएगी,क्योंकि माइक्रोफाइलेरिया रात में सक्रिय होते हैं। यदि किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे 12 दिन तक दवा दी जाएगी, जिसकी निगरानी आशा कार्यकर्ता करेंगी।
डॉ. चौधरी ने बताया कि सर्वे दो प्रकार की साइट्स-रैंडम और सेंटीनियल-पर किया जाएगा,और हर साइट से 300 ब्लड स्लाइड तैयार की जाएंगी। यदि किसी साइट पर माइक्रोफाइलेरिया दर एक प्रतिशत से अधिक पाई जाती है,तो उस क्षेत्र में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलाया जाएगा। जहां दर एक प्रतिशत से कम होगी, वहां अगला चरण-टास सर्वे एक किया जाएगा।
बैठक के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं पाथ के तकनीकी विशेषज्ञों ने प्री-टास्क सर्वे की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी साझा की। वहीं,प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के प्रतिनिधि द्वारा सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए अपनाए जाने वाले रणनीतिक कदमों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
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