यूपी में मौसम: तीन साल के बाद सर्दी ने तोड़े रिकॉर्ड

यूपी में मौसम: तीन साल के बाद सर्दी ने तोड़े रिकॉर्ड

लखनऊ। यूपी का मौसम अचानक से बदल गया। एक दिन पहले दिख रही धूप गायब हो गईं। आसमान में बादल छाए रहे। ठंडी हवाओं से तापमान गिर गया। मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले दिनों में मौसम कैसा रहेगा। 

ठंड की तल्खी धीरे-धीरे बढ़ती दिखाई दे रही है। सोमवार को पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता का असर लखनऊ पर दिखा। पूरे दिन बादल छाए रहे, धूप की झलक चंद सेकंड ही नजर आई। इसके कारण दिन का तापमान गिरा, वहीं रात के पारे में मंगलवार से गिरावट के आसार जताए जा रहे हैं। वहीं कोहरा भी बढ़ेगा। एक तरफ पारा गिर रहा, दूसरी तरफ शहर की हवा का स्तर अभी खराब बना हुआ। लखनऊ की हवा अभी भी नारंगी श्रेणी में खराब बनी हुई है।

सोमवार को दिन का पारा 23..6 डिग्री रहा, जो रविवार के 28.2 की अपेक्षा 4..6 डिग्री कम हो गया। हालांकि न्यूनतम तापमान में विशेष बदलाव नहीं रहा। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, 2019 में 27 नवंबर को अधिकतम तापमान 21 डिग्री था, जबकि 2020 में 24 डिग्री, 2021 और 2022 में 26 डिग्री दर्ज हुआ था। इस लिहाज से तीन साल बाद नवंबर में 27 दिसंबर का दिन सबसे ठंडा रहा। 28 की रात से न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आने के आसार हैं, हालांकि दिन का पारे में गिरावट नहीं आएगी।

उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ने के संकेत दे रहा है मौसम विभाग। पूरे प्रदेश में बादलों ने डेरा डाल रखा है। सोमवार को बुंदेलखंड में झांसी-हमीरपुर, आगरा-अलीगढ़ की तरफ बारिश रिकॉर्ड की गई। प्रयागराज, चित्रकूट, दक्षिण पूर्वी यूपी यानी विंध्य क्षेत्र के कुछ जिलों में भी बूंदाबांदी के आसार हैं।

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण प्रदेश का मौसम बदल गया है। मध्य क्षोभमंडल में अरब सागर तक एक ट्रफ के रूप में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। इसके कारण प्रदेश के अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के आसार हैं। हालांकि ऐसा अनुमान है कि रात का पारा दो डिग्री तक बढ़ सकता है। वहीं इस पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर हो कर आगे बढ़ने के कारण आगे बढ़ने और बादल के छंटने के कारण मौसम शुष्क होगा और पछुआ हवा चलने के आसार हैं, इसके कारण रात के पारे में भी दो से तीन डिग्री तक गिरावट आ सकती है।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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