भूसी के बीच छिपााकर ले जा रहे थे कछुएं, तीन तस्कर गिरफ्तार

प्रयागराज से एसटीएफ ने दबोचा ,741 कछुएं बरामद

भूसी के बीच छिपााकर ले जा रहे थे कछुएं, तीन तस्कर गिरफ्तार

  • शक्तिवर्धक दवाओं में इनका किया जाता है प्रयोग
  • पश्चिमी बंगाल ले जाकर करते थे तस्करी

लखनऊ । एसटीएफ यूपी को दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की अन्तर्राज्यीय तस्करी में लिप्त तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 27 बोरों में भरे गये 741 दुर्लभ प्रजाति के कछुएं व तस्करी में प्रयुक्त वाहन बोलेरो पिकप बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम शनि पुत्र मुन्ना,सूरज पुत्र मिथुन,आदर्श सिंह पुत्र अमर सिंह है।

वन्य जीव अपराध नियन्त्रण ब्यूरो भारत सरकार की पहल पर एसटीएफ द्वारा पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में कछुओं की तस्करी पर प्रभावी कार्रवाई की है। भारत में कछुओं की पाई जाने वाली 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियां उत्तर प्रदेश में पाई जाती है, इनमें 11 प्रजातियों के अवैध व्यापार की बात प्रकाश में आयी है। यह अवैध व्यापार जीवित कछुए के मांस अथवा कछुओं की कैलिपी (झिल्ली) को सुखा कर शक्तिवर्धक दवा के लिए प्रयोग किया जाता है। कछुओं को भस्म (मुलायम कवच) तथा भस्म (कठोर कवच) के रूप में वगीकृत किया जाता है। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देश के क्रम में नवेन्दु कुमार, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ फील्ड इकाई, प्रयागराज व  विमल सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ लखनऊ के समन्वय एवं निर्देशन में अभिसूचना संकलन कार्रवाई की जा रही थी।

इसी के तहत एसटीएफ प्रयागराज टीम के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह मुख्य आरक्षी प्रभन्जन पाण्डेय, विकास तिवारी, अजय कुमार यादव, सोनू व आरक्षी चालक अखण्ड प्रताप पाण्डेय की टीम आरक्षी अंकित पाण्डेय व आरक्षी अंकित सिंह एसटीएफ के साथ नवाबगंज क्षेत्र में मौजूद थी। तभी मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि कछुएं की तस्करी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य लखनऊ की तरफ से बोलेरो पिकप से कछुएं लादकर पश्चिम बंगाल ले जा रहे है। इस सूचना पर एसटीएफ द्वारा वन विभाग को सूचना दी गयी। जिस पर वन विभाग सोरांव, प्रयागराज के रेन्ज प्रागी लाल वर्मा, वन दरोगा कृष्ण कुमार त्रिपाठी अपनी टीम के साथ नवाबगंज टोल प्लाजा पर उपस्थित आये तथा दोनों टीमों के समन्वय से थाना क्षेत्र नवाबगंज टोल प्लाजा पर समय करीब आठ बजे उक्त बोलेरो पिकप वाहन को रोककर चेक किया गया तो धान व भूसी के बीच छिपाये गये 27 बोरों में दुर्लभ प्रजाति के 741 कछुएं उपरोक्त तस्करों के कब्जे से बरामद कर गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों से गहनता से पूछताछ करने पर अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि उन लोगों का कछुआ तस्करी का एक सक्रिय गिरोह है, जो अपने आर्थिक व भौतिक लाभ के लिये उत्तर प्रदेश से वन्य जीवों व कछुओं की तस्करी भारत के विभिन्न प्रान्तों में करते है। बरामद कछुओं के सम्बन्ध में पूछने पर बताया गया कि यह कछुआ यह लोग जगदीशपुर अमेठी में सलमान, अकबर व फूल मोहम्मद से प्राप्त किये थे, जिसे लेकर पश्चिम बंगाल जा रहे थे। वहां पर स्थानीय तस्करों से सम्पर्क कर इन दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता है। वहां के स्थानीय तस्करों द्वारा कछुओं की कैलिपी (झिल्ली) को सुखा कर शक्तिवर्धक दवा के लिए प्रयोग किया जाता है। गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना नवाबगंज, कमिश्नरेट प्रयागराज में दाखिल किया गया, जिनके विरूद्ध अग्रिम विधिक कार्रवाई  वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत वन विभाग प्रयागराज द्वारा की जा रही है।

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