उर्वरक विक्रेताओं के यहां छापामार कार्यवाही से मचा हड़कंप
बिना खतौनी प्राप्त किए उर्वरक की बिक्री पाए जाने पर होगी सख्त कार्यवाही
By Harshit
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झाँसी। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने जनपद में उर्वरक की उपलब्धता और बिक्री की समीक्षा करते हुए कहा कि जनपद में किसी भी सूरत में उर्वरक की कमी नहीं होने दी जाएगी। उर्वरक की कालाबाजारी अथवा ओवर रेटिंग पर होगी सख्त कार्रवाही। समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी द्वारा उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया गया कि आपूर्तित उर्वरकों के बिक्री से जुड़े समस्त विक्रेता उर्वरकों का वितरण जोत के आधार पर शत-प्रतिशत पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरक की बिक्री सुनिश्चित की जाय।
यदि किसी भी उर्वरक विक्रेता द्वारा बिना खतौनी प्राप्त किये उर्वरकों की बिक्री की जाती है, तो उसके ऊपर कठोर कार्यवाही करते हुए लाइसेंस निरस्त किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी द्वारा जनपद के उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं को निर्देशित किया गया कि जनपद में किसी भी डीलर द्वारा नकली उर्वरक बिक्री करते हुए पाया जाता है तो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का उल्लंघन मानते हुए सख्त कार्यवाही करते हुए तत्काल उनकी डीलरशिप निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि जनपद को प्राप्त होने वाली उर्वरकों का स्थानीय मांग के अनुरूप कृषकों में समान रूप से वितरण को सुनिश्चित किये जाने हेतु कृषि विभाग, सहकारिता विभाग एवं राजस्व विभाग के कार्मिकों को बिक्री केन्द्र पर तैनात किया गया है, ये कार्मिक अपनी उपस्थिति में गुणवत्तायुक्त शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर उर्वरकों का वितरण कृषकों के बीच कराना सुनिश्चित करायेंगे।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद में किसी भी उर्वरक विक्रेता द्वारा कालाबाजारी, स्टॉक होल्डिंग, नकली उर्वरकों की बिक्री एवं निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बिक्री आदि का मामला संज्ञान में आते ही जिला प्रशासन को संज्ञान में लेते हुए त्वरित विभागीय कार्यवाही करायी जाय। जनपद में कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु जिला प्रशासन सतत् प्रयत्नशील है जनपद के कृषकों में खाद की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। शिकायत प्राप्त होने पर उर्वरक विक्रेताओं के ऊपर त्वरित कार्यवाही की जायेगी।
उप कृषि निदेशक एम पी सिंह ने बताया कि रबी सीजन के शुरू होते ही जनपद में डीएपी,की मांग काफी बढ़ जाती है। जनपद में रबी फसलों की बुवाई हेतु 30262 मै०टन आवश्यकता के सापेक्ष 24393 मै0टन डी0ए0पी0 का वितरण सहकारी समितियों एवं निजी उर्वरक बिक्री केन्द्रो के माध्यम से किया जा चुका है।
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