Kushinagar : विदेश से शव घर पहुँचते ही बह चली सहानुभूति की अश्रुधारा

Kushinagar : विदेश से शव घर पहुँचते ही बह चली सहानुभूति की अश्रुधारा

उपेंद्र कुशवाहा
पडरौना,कुशीनगर। परिवार के रोजी रोटी के लिए विदेश में कमाने गए कोतवाली पडरौना थाना के गांव जंगल चौरियां निवासी एक व्यक्ति का शव शुक्रवार को शव गांव आया तो घर में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुुरा हाल हो गया। बसी घाट  उनका अंतिम संस्कार किया गया। जगंल चौरिया निवासी अवधेश कुशवाहा कुछ माह पहले अपने परिवार की माली हालत सुधारने के लिए वाहन चालक के पद पर सऊदी अरब गए थे। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान उनकी एक हृदय गति रुकने से मौत हो गई। यह खबर जब घर वालों को मिली तो वह बदहवास हो गए, लेकिन नियति के इस फैसले पर कोई कर ही क्या सकता था। घर वालों को उनके शव के लिए एक माह का इंतजार करना पड़ा। बुधवार को उनका शव गांव में पहुंचा तो घर वालों का एक बार फिर हाल बेहाल हो गया। पत्नी किरण देबी शव देख कर बेहोश हो गई। घर के बच्चों का भी बुरा हाल था। लोग इनको ढांढस बंधाने की हिम्मत भी नहीं कर जुटा पा रहे थे। गांव के लोगों के सहयोग से शव का  दाह संस्कार कर दिया गया। मृतक अवधेश के परिजनों की तरफ से  मुखग्नि देते समय देख हर किसी की आंखें नम हो गईं।  अंतिम संस्कार में अवधेश कुशवाहा का शव घर पहुंचने के दौरान समय क्षेत्रीय राजस्व धनंजय पांडेय  निरीक्षक,ग्राम विकास अधिकारी उत्तम यादव के आलावे मुकेश रंजन मौर्य,अभय कुशवाहा,मनोज कुशवाहा,राजेश कुशवाहा, कमलेश कुशवाहा,सोनू कुशवाहा,राहुल कुशवाहा,शैलेंद्र कुशवाहा और ग्राम सभा के हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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