नोटबंदी जैसी न हो जाए जलबंदी : अखिलेश
बलिया। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पाकिस्तान के मुद्दे पर भारत सरकार जो भी कदम उठाना चाहे, उठाए। हमारी पार्टी और देश की सारी जनता उनके साथ है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को सपा सांसद सनातन पाण्डेय के पैतृक आवास पर मांगलिक समारोह में शामिल होने आए थे। अखिलेश यादव ने पहलगाम हमले के बाद ताजा हालात पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में बोल रहे थे।
एक सवाल के जवाव में उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के घर तभी जाऊंगा जब सरकार उनके दस करोड़ की सहायता और परिवार के एक सदस्य के लिए नौकरी का एलान करेगी। वैसे भी समाजवादी लोग उस घर-परिवार से मिल चुके हैं। कहा कि मुद्दा यह नहीं है। लोग पहलगाम के साथ-साथ पुलवामा की बात करने लगे हैं, यह भाजपा के लिए परेशानी है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो जलबंदी की गई है, वह नोटबंदी जैसी न हो जाए।
उन्होंने कहा कि सभी सिंधु जल समझौता रद्द हुआ है पानी बंद नहीं हुआ है। आज के समय में टेक्नोलॉजी पर हम सभी निर्भर हैं। सरकार को भी मालूम है कि पानी रोकना है तो कितना समय लगेगा। पहले बुनियादी ढांचा बनाना होगा। श्री यादव ने केंद्र सरकार के फैसले को ठोस बताते हुए आशंका जताई कि कहीं, यह नोटबंदी जैसा न हो जाए। पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजे जाने को लेकर कहा कि यह सरकार का राजनयिक कदम है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान श्री यादव ने पाकिस्तानी फौज के कब्जे में बीएसएफ जवान को वापस लाने के लिए सरकार से डिप्लोमैटिक चैनल से बात करने की मांग की। इसके लिए भारत को दुनिया में बनाए गए रिश्तों का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
अखिलेश यादव ने कहा कि मुकदमा लिखकर सत्ता से सवाल करने वालों की आवाज दबाई जा रही है। उन्होंने एक शेर 'पाबन्दी अंत की ओर बढ़ती है तो भय भी सत्ता की निशानी होती है ' के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला। कहा कि सरकार नौकरी छीन रही है। इसलिए नौजवान नहीं दौड़ रहे हैं। उनको वर्दी नहीं पहनने दे रहे। उन्होंने बलिया के एक चर्चित थाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रदेश की तहसीलों और थानों में जमकर लूट हो रही है। अभी तक यही होता था कि पुलिस चोर को पकड़ती थी, लेकिन अब पुलिस पुलिस को पकड़ रही है।
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