बदलता मौसम बीमारियों का पिटारा : सतीश राय
मौसम परिवर्तन के समय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता हो जाती है कम
महाकुम्भ नगर। बदलता मौसम बीमारियों का पिटारा लेकर आता है। इसी समय बीमारियां अपना पैर फैलाने लगती हैं। शरीर को मौसम के अनुरूप ढलने में समय लगता है। मौसम परिवर्तन के समय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है । इसी का लाभ उठाकर वायरस एवं कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
यह बातें शनिवार को महाकुम्भ सेक्टर 10 में स्थित एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान में जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने श्रद्धालुओं से कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सर्दी कम हो रही है और मौसम पुनः बदल रहा है। अब जोड़ों के दर्द से लोगों को राहत मिलेगी। ज्यादा ठंड पड़ने पर नसें सिकुड़ती हैं, जिस कारण शरीर के अंगों में खून का प्रवाह पूरी क्षमता से नहीं हो पाता। इसी कारण जोड़ों में दर्द, हाथ पैर कमर एवं हड्डियों में दर्द होता है, सांस फूलती है, हृदय में भी समस्याएं आती है।
सतीश राय ने कहा, ठंड के मौसम में लोग मोटे कपड़े पहनते हैं। शरीर का ज्यादातर अंग मोटे कपड़ों से ढका रहता है। जिस कारण विटामिन डी एवं कैल्शियम बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। हड्डियों एवं जोड़ों में दर्द होने का एक कारण यह भी है। आरामदायक दिनचर्या के कारण भी अनेकों बीमारियां होती हैं। जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रहती है, वह जल्दी-जल्दी बीमार होते हैं। मौसम का मामूली दुष्प्रभाव भी बीमार बना देता है। ऐसे में स्पर्श-ध्यान, योग को जरूर अपनाना चाहिए।
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