मतदान केन्द्र की दूरी बनी समस्या

शहर की अपेक्षा ग्रामीण अंचल में वोट ज्यादा पड़े

मतदान केन्द्र की दूरी बनी समस्या

लखनऊ।  बुजुर्गों और विकलांगों को भी वोट डालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। कहने को तो प्रशासन ने बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए तमाम तरह के वादे किये थे लेकिन मतदान केन्द्रों की दूरी ज्यादा होने की वजह से काफी परेशानी हुई। प्रशासन ने मतदान केन्द्रों तक ले जाने और वापस छोड़ने के लिए ई रिक्शा सहित अन्य वाहन चलवाने की बात कही थी, लेकिन जरूरत के अनुसार वाहन नहीं चले। बुजुर्ग और दिव्यांग को लिफ्ट लेकर वोट डालने जाना पड़ा। सहारा स्टेट स्थित लखनऊ पब्लिक कालेज में मतदान केन्द्र पर भाजपा के वरिष्ठï कार्यकर्ता मनोज सिंह ने बताया कि उनके पास जिसका भी फोन आया उसको उन्होंने घर से मतदान केन्द्र लाकर वोट डलवाया और वापस घर छोड़ा। यही हाल विकलांग बलदेव प्रसाद मौर्य का रहा।
 
बलदेव दोनों पैरो से लाचार है किसी तरह अपने बेटे भूपेन्द्र प्रसाद मौर्य के साथ बाइक से वोट डालने पहुंचे। उन्होंने कहा कि जबसे वोट डालना शुरू किया है आज तक किसी भी चुनाव में नहीं वोट करना नहीं भूले। शहर की अपेक्षा ग्रामीण अंचल में वोट ज्यादा पड़े। जहां सुबह से ही मतदान केन्द्रों पर वोट देने वालों की लाइने लगने लगी तो वहीं 9 बजे के बाद कड़ी धूप में भी लाइन कम होते नहीं दिखी। मतदान केन्द्र से 4 से 6 किलोमीटर दूर होने के बाद भी लोग वोट किसी न किसी साधन से और पैदल वोट करने पहुंच रहे थे। बीकेटी तहसील अंतर्गत आने वाले कई मतदान केन्द्रों पर यह नजारा देखने को मिला।
 
प्राथमिक विद्यालय अजनहर पर वोट करने आयी फातिमा, नूरजहां और शबनम ने बताया कि वह भिटौली में रहती है। उनका घर मतदान केन्द्र से 5 किलोमीटर दूर है फिर भी वोट डालने आयी है। इसी तरह बीकेटी के कठवारा स्थित कम्पोजिट स्कूल में बने 4 बूथों पर लम्बी लाइन मिली। इस मतदान केन्द्र पर आठ गांव के 6 हजार वोटर है। मतदान केन्द्र की दूरी 3 से 4 किलोमीटर है। यही हाल प्राथमिक विद्यालय अर्जुनपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय इंटौजा में देखने को मिला। दूरी चाहे कितनी हो पर वोट डालने आ रहे महिला बुजुर्ग और युवाओं का जज्बा देखते बन रहा है। सभी लोग शांति से बिना प्रशासन को कोसे वोट डालने आते दिखे।
Tags: lucknow

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