श्रीराम वन गमनपथ से होते हुए 19 जनवरी को पहुंचेगी अयोध्या 

श्रीराम वन गमनपथ से होते हुए 19 जनवरी को पहुंचेगी अयोध्या 

भरत कूप स्थित कुंड से कलश में जल संग्रह कर शुरू होगी यात्रा, कई पवित्र नदियों का जल भी भरा जाएगा 

प्रयागराज, श्रृंगवेरपुर, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर होते रामनगरी में यात्रा का होगा समापन

श्रीराम पर आधारित चित्र प्रदर्शनी व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी होगा आयोजन

अयोध्या. श्रीराम चरण पादुका यात्रा मकर संक्रांति (15 जनवरी) से चित्रकूट से प्रारंभ होगी, जो 19 जनवरी को रामनगरी अयोध्या पहुंचेगी। भरतकूप स्थित कुंड से कलश में जल संग्रह और पादुका पूजन के साथ यात्रा प्रारंभ होगी। यह प्रयागराज, श्रृंगवेरपुर,  प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अयोध्या पहुंचेगी। यात्रा में शामिल लोगों का रात्रि विश्राम जनपदों में होगा। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ओर से विभिन्न प्रस्तुतियां होंगी। हर जनपद में श्रीराम पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। योगी सरकार के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग इसका आयोजन कर रहा है, जबकि इसमें भारत शक्ति संस्थान का भी सहयोग रहेगा। 

भरतकूप स्थित कुंड से जल संग्रह कर यात्रा का होगा आगाज
श्रीराम चरण पादुका यात्रा 15 जनवरी को भरतकूप (चित्रकूट)  स्थित कुंड से कलश में जल संग्रह के साथ प्रारंभ होगी। यहां से यात्रा चित्रकूट के विभिन्न मंदिरों से होते हुए चलेगी। इसमें मंदाकिनी नदी का जल संग्रह किया जाएगा। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम- मां सीता, लक्ष्मण जी का प्रतीक पूजन व पादुका पूजन होगा। यहां रात्रि विश्राम कर यात्रा अगली सुबह 16 जनवरी को प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेगी। चित्रकूट से वाया राजापुर, मंझनपुर होते हुए प्रयागराज में पहुंचने पर संगम का जल कलश में संग्रहित किया जाएगा। यहां रात्रि विश्राम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुति का भी आनंद उठा सकेंगे। 17 जनवरी को यात्रा श्रृंगवेरपुर को प्रस्थान करेगी। यहां गंगा नदी का जल संग्रह कर पादुका पूजन होगा। 18 को यात्रा यहां से प्रतापगढ़ होते हुए सुल्तानपुर पहुंचेगी। यहां सई नदी का जल कलश में संग्रहित किया जाएगा। 18 को रात्रि विश्राम सुल्तानपुर में होगा। यहां गोमती नदी का भी जल संग्रहित किया जाएगा। 19 जनवरी को यात्रा वाया नंदीग्राम अयोध्या पहुंचकर संपन्न होगी।  

लोक कलाकारों की प्रस्तुति भी आध्यात्मिक गंगा में कराएगी स्नान
यात्रा के दौरान लोक कलाकारों की भी प्रस्तुति होगी। प्रतिदिन रात्रि विश्राम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। चित्रकूट के रामायण मेला परिसर में लोकप्रिय गायिका तृप्ति शाक्या के भजनों का आनंद ले सकेंगे। श्रृंगवेरपुर के राष्ट्रीय रामायण मेला परिसर यात्री रोड पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें नागपुर की वाटेकर सिस्टर्स की ओर से राम नाम पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी। वहीं संपूर्ण यात्रा के दौरान बाबा सत्यनारायण मौर्य भी अपनी अद्भुत प्रस्तुति से हर किसी का मन मोह लेंगे। बाबा व उनकी टीम की तरफ से श्रीराम पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। बतौर चित्रकार बाबा श्रीराम की आकृति भी बनाते हैं। प्रत्येक जनपद में श्रीराम पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी लगेगी।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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