शरजील इमाम की बहन बनीं जज, कहा- 'अपने दायित्वों का निर्वहन करूंगी'
By Tarunmitra
On
जहानाबाद: जहानाबाद के युवक शरजील इमाम की चचेरी बहन फरहा निशात ने बिहार न्यायिक सेवा की परीक्षा पास की है. फरहा अब जज बनेंगी और इस उपलब्धि से पूरे परिवार में जश्न का माहौल है. फरहा ने 139 वां रैंक हासिल किया है. फरहा की उपलब्धि के बाद परिवार में जश्न का माहौल है. फरहा की उपलब्धि को परिवार ने केक काटकर सेलिब्रेट किया.
जो सपना देखा वो सफल हुआ
वहीं, इस उपलब्धि पर फरहा का कहना है कि उन्हें काफी प्रसन्नता हो रही है. जब से उन्होंने न्यायिक सेवा की परीक्षा की तैयारी शुरू की थी तभी से उनका सपना था कि यह दिन देखे कि वह सफल हुई है, और आज यह दिन सामने है तो खुशी हो रही है.
प्रीलिम्स क्लियर होने के बाद मेंस के लिए प्रतिदिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई की है. 12वीं तक बिहार बोर्ड से ही पढ़ी हूं और उसके बाद लॉ किया.''- फरहा निशात, 139 वां रैंक, बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा
जस्टिस आर भानुमति से मिली प्रेरणा
लॉकडाउन के दौरान जस्टिस आर भानुमति के यहां इंटर्नशिप करने का मौका मिला और फिर इसके बाद 2 साल उनके यहां काम किया. इसी दौरान उन्हें प्रेरणा मिली की न्यायिक सेवा की परीक्षा देखकर जज बनना चाहिए. आज यह उपलब्धि सामने है.
कानून की बारीकियों को काफी निकट से समझा
दरअसल, फरहा ने हिदायतुल्लाह नेशनल यूनिवर्सिटी, रायपुर (छत्तीसगढ़) से वकालत की पढ़ाई (2013-2018) पूरी की. वकालत की पढ़ाई पूरी करने के उपरांत फरहा ने सर्वोच्च न्यायालय में लॉ क्लर्क सह रिसर्च असिस्टेंट के रूप में योगदान दिया. इस दौरान उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया और कानून की बारीकियों को काफी निकट से समझा.
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत
28 वर्षीय फरहा निशात युवा पीढ़ी विशेषकर आधी आबादी के लिए प्रेरणा स्रोत बन गईं हैं. फरहा की इस शानदार सफलता पर जहां परिजन प्रसन्न हैं, वहीं स्थानीय निवासी भी फरहा की इस उपलब्धि पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
अपने दायित्व का निर्वहन करूंगी
फरहा बताती हैं कि पढ़ाई के साथ-साथ किताबें पढ़ना, बच्चों को पढ़ाना और सीरियल देखना भी पसंद है. फरहा कहती हैं कि परिजनों की प्रेरणा तथा सेल्फ स्टडी के बल पर प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात इंटरव्यू की तैयारी के लिए आंशिक रूप से कुछ संस्थानों की मदद भी ली. वे त्वरित और न्याय की पक्षधर हैं, इस दिशा में काम करने की भरपूर कोशिश करेंगी.
About The Author

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
Related Posts
अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें
Latest News
13 May 2025 09:56:03
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सोमवार को उत्तरा गुरुवायूरप्पन मंदिर के 36वें...
टिप्पणियां