बजट भाषण के दौरान कुंभ हादसे पर विपक्ष की नारेबाजी
विपक्ष ने सदन से सांकेतिक बहिर्गमन किया
- मध्यम वर्ग को मामूली राहत, बाकी बजट में कुछ नहीं: कांग्रेस
- आर्थिक संकट के समाधान के लिये बजट में कोई उपाय नहीं: राहुल
- बजट का हर आंकड़ा झूठा: अखिलेश
- बजट से उम्मीदें पूरी नहीं हुई: केजरीवाल
नई दिल्ली । लोकसभा में शनिवार को बजट पेश करने के दौरान समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में विपक्षी दल के सदस्यों ने महाकुंभ के दौरान भगदड़ की घटना का विरोध जताया और चर्चा की मांग की। हंगामे और नारेबाजी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट की शुरूआत की। नारेबाजी के बाद विपक्ष ने सदन से सांकेतिक बहिर्गमन किया। सीतारमण ने पूर्वाह्न 11 बजे लोकसभा में बजट पेश किया। उनके बजट भाषण शुरू करते ही विपक्ष की ओर से महाकुंभ में भगदड़ का मुद्दा उठाया गया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की ओर से इस मुद्दे को राष्ट्रपति के आभिभाषण में चर्चा के दौरान उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अभी तक बजट के दौरान ऐसा नहीं हुआ है। विपक्ष ने उनकी बात को अनसुना किया और सपा सदस्य सदन के बीचों-बीच आ गए और नारेबाजी करने लगे। बाद में विपक्ष ने सदन से सांकेतिक बहिर्गमन किया। विपक्ष के बहिर्गमन में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं रही।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि पिछले 10 साल में मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग से 54.18 लाख करोड़ रुपए का आयकर वसूल किया है। अब वह 12 लाख तक की छूट की बात कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार ने अपनी खामियों को छुपाने के लिए मेक इन इंडिया को नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन बना दिया है। इसके अलावा सारी घोषणाएं लगभग एक जैसी हैं। इस बजट में युवाओं, महिलाओं, किसानों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, गरीबों, अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट 2025-26 को आर्थिक क्षेत्र में सरकार के वैचारिक दिवालियापन की संज्ञा देते हुये शनिवार को कहा कि बजट प्रस्तावों में अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये कोई ठोस बात नहीं है। उन्होंने इस बजट को गोली के घाव को मरहम से ठीक करने जैसा प्रयास करार दिया है। राहुल गांधी ने अपनी बजट प्रतिक्रिया में कहा, गोली के घावों के लिये एक बैंडेज-सहायता। वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिये एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता है, लेकिन यह सरकार विचारों से दिवालिया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जो सरकार सुरक्षित महाकुंभ नहीं करा सकती, उसके बजट का हर आंकड़ा झूठा है। अखिलेश ने संसद परिसर में बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, हमारे लिये बजट जरूरी नहीं, बल्कि महाकुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम बजट के आंकड़ों का क्या करेंगे, हमें कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा चाहिये। वहां अब भी लोग अपनों की तस्वीर लेकर उनकी तलाश में भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को श्रद्धालुओं की मौत के जो आंकड़े बताये जा रहे हैं, वे झूठे हैं।उन्होंने कहा, क्या विकसित भारत की यही परिभाषा है कि शंकराचार्य कह रहे हैं कि आपका मुख्यमंत्री झूठा है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अरबपतियों के कर्ज के संबंध में जो मांग की थी, वह वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में पूरी नहीं हुई, जिससे उन्हें दुख हुआ है। केजरीवाल ने एक्स पर कहा, 'देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के कर्ज़े माफ करने में चला जाता है। मैंने माँग की थी कि बजट में ये ऐलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के कर्ज़ माफ नहीं किए जाएँगे। इस से बचने वाले पैसे से मिडल क्लास के होम लोन और व्हीकल लोन में छूट दी जाए। किसानों के कर्जे माफ किए जायें। आयकर और जीएसटी की टैक्स दरें आधी की जायें। मुझे दुख है कि ये नहीं किया गया।
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