फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी मामले में सीआईडी ने दो लोगों को किया गिरफ्तार
रांची। अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने बंगाल रजिस्ट्री कार्यालय से हुए फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी मामले में शुक्रवार को दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों में समीर और अभिषेक शामिल हैं। दोनों को रांची से गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई जिस भूखंड को लेकर हुई है, वह रांची के पिठोरिया इलाके में स्थित है, उसका कुल रकबा7.21 एकड़ है। जमीन जमुआरी मौजा के खाता नंबर 10,11,33,29 और प्लॉट नंबर138,139,140,142,160,161 और 162 है। जमीन पर खुद का मालिकाना हक बताने वाले सुशांत घोष ने इस सभी लोगों के खिलाफ पिठोरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। पिठोरिया थाना में दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए सीआईडी ने जांच शुरू की है। प्राथमिकी में कहा गया है कि विमल सिंघानिया ने साजिश के तहत प्रशांत घोष की जगह किसी फर्जी व्यक्ति का इस्तेमाल कर उनकी जमीन की पावर ऑफ एटॉर्नी ले ली। इसके आधार पर प्रशांत घोष की जमीन की खरीद-बिक्री की गयी। रांची में स्थित जमीन की पावर ऑफ एटॉर्नी चौबीस परगना, पश्चिम बंगाल की रजिस्ट्री कार्यालय में 19 अप्रैल 2023 को हुई है। इसका नंबर 160400155 है। रजिस्ट्री 9 मई 2023 को हुई है। आश्चर्य की बात यह है कि बंगाल में हुए पावर ऑफ एटॉर्नी में पहचान रांची के व्यक्ति ने की है। जमीन की खरीद के बाद उस पर बाउंड्री भी खड़ी कर दी गयी है। म्यूटेशन के लिए आवेदन भी दिया गया था, लेकिन प्रशांत घोष के भाई सुशांत घोष की आपत्ति के बाद म्यूटेशन का आवेदन खारिज कर दिया गया है।
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