खरगे के एक शब्द पर संसद में तनातनी

राज्यसभा में जमकर हंगामा, भाजपा ने की माफी की मांग

खरगे के एक शब्द पर संसद में तनातनी

  • खरगे ने कहा-क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे
  • इस बयान पर जेपी नड्डा तिलमिलाकर उठे और खरगे को आड़े हाथों लिया
  • काफी हो हल्ला होने के बाद खरगे ने मांगी माफी

नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता विपक्ष एवं कांग्रेस सदस्य मल्लिकार्जुन खरगे और नेता सदन जेपी नड्डा के बीच आज तीखी बहस हो गई। उपसभापति हरिवंश नारायण ने जब खरगे को बोलने से रोका तो उन्होंने कहा कि यहां तानाशाही चल रही है। इस पर उपसभापति ने फिर टोका तो खरगे ने कहा कि क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे... सरकार को ठोकेंगे। खरगे के इस बयान पर जेपी नड्डा तिलमिलाकर उठे और उन्होंने खरगे को आड़े हाथों लिया। बाद में खरगे ने चेयर से माफी मांगी।राज्यसभा में आज शिक्षा मंत्रालय के कार्यकरण पर चर्चा के दौरान उपसभापति हरिवंश ने कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह को बोलने के लिए कहा लेकिन उसी दौरान मल्लिकार्जुन खरगे खड़े हो गए।

इस पर उपसभापति ने उन्हें यह कहकर बोलने से रोक दिया कि आप सुबह में बोल चुके हैं। इस पर खरगे ने कहा कि उस समय मंत्री सदन में नहीं थे, इसलिए अब वे बोलेंगे। इस मुद्दे पर उन्होंने उपसभापति के लिए उपरोक्त कठोर और उनके पद की गरिमा के प्रतिकूल शब्दों का इस्तेमाल किया। इसे लेकर नेता सदन नड्डा ने गंभीर आपत्ति जताई।नड्डा ने कहा कि नेता विपक्ष खरगे ने समय-समय पर संसद के दोनों सदनों का प्रतिनिधित्व किया है। वह वरिष्ठ सदस्य हैं लेकिन आज उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह आपत्तिनजनक और निंदनीय है।

उन्होंने जिन असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया है, उसे उन्हें वापस लेना चाहिए अन्यथा उसे कार्यवाही से हटाया जाए।इसके बाद विपक्षी सदस्य खड़े होकर शोरगुल करने लगे। इस पर उपसभापति ने विपक्षी सदस्यों को सीट पर जाने के लिए कहा। बवाल बढ़ता देख खरगे ने स्थिति संभाली। उन्होंने कहा कि अगर मेरी बातों से उपसभापति को ठेस पहुंची है तो मैं उनसे माफी मांगता हूं लेकिन सरकार से नहीं। खरगे ने कहा कि मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश के एक भाग की जनता के स्वाभिमान को "अनकल्चर्ड" और "अनसिविलाइज्ड" कहकर ठेस पहुंचाया है। वे देश को बांटने की बात कर रहे हैं, देश को तोड़ने की बात कर रहे हैं, इसलिए ऐसे मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। इस पर नेता सदन नड्डा ने कहा कि नेता विपक्ष खरगे ने अपने बयान में चेयर से माफी मांगी है, यह उनकी वरिष्ठता के हिसाब से सराहनीय है लेकिन उन्होंने सरकार के बारे में जिन शब्दों का प्रयोग किया है, वह निंदनीय है। उसे कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए।

इससे पहले आज राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद उपसभापति ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिह बिट्टू का नाम पुकारा और उन्हें सदन में आवश्यक दस्तावेज रखने को कहा लेकिन मंत्री सदन में मौजूद नहीं थे। इस पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई और मंत्री की अनुपस्थिति को शर्मनाक बताया। खरगे ने कहा कि नेता सदन ने कल नसीहत दी थी कि नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के सदस्यों को सदन के नियमों का फ्रेसर कोर्स कराने की जरूरत है लेकिन मैं पूछता हूं कि आप क्यों ट्रेनिंग नहीं लेते? आपके लोग समय पर नहीं आते।

मंत्री गण भी नहीं आते। ये शर्म की बात है।उधर, आज पूर्वाह्न 11 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने डुप्लीकेट ईपीआईसी संख्या, परिसीमन प्रक्रिया और तमिलनाडु को केन्द्र से उसके हिस्से के राजस्व के भुगतान की मांग जैसे मुद्दों को लेकर सदन में जोरदार हंगामा किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

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