रूस को यूक्रेन के साथ शांति समझौते से इनकार नहीं
Russia does not rule out a peace deal with Ukraine
नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन जंग को शुरू हुए डेढ़ साल से भी अधिक वक्त बीत चुका है. इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि मॉस्को ने कभी भी कीव के साथ शांति समझौते से इनकार नहीं किया है. उन्होंने वार्ता प्रक्रिया से बाहर निकलने के लिए यूक्रेन को दोषी ठहराया. पुतिन ने सैन्य कार्रवाई को लोगों के लिए त्रासदी करार दिया. साथ ही इस बात पर जोर भी दिया कि दुनिया को इस बारे में सोचना चाहिए कि इस त्रासदी को कैसे रोका जाए.
G20 लीडर्स समिट में अपने वर्चुअल संबोधन में पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि कुछ नेताओं ने अपने भाषणों में कहा कि वे यूक्रेन में रूस की जारी आक्रामकता से हैरान हैं. पुतिन ने कहा, “बेशक, सैन्य कार्रवाई हमेशा लोगों, परिवारों और पूरे देश के लिए एक त्रासदी होती है और निश्चित रूप से, हमें इस बारे में सोचना चाहिए कि इस त्रासदी को कैसे रोका जाए .” व्लादिमीर पुतिन ने आगे कहा, ‘वैसे, रूस ने कभी भी यूक्रेन के साथ शांति समझौते से इनकार नहीं किया है. यह रूस नहीं है, बल्कि यूक्रेन है, जिसने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह वार्ता प्रक्रिया से हट रहा है. इसके अलावा, राज्य के प्रमुख के साथ एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए गए थे जो रूस के साथ वार्ता पर रोक लगाने वाली थी.’
सामूहिक और सर्वसम्मति वाले निर्णयों की आवश्यकता
पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया की स्थिति के लिए सामूहिक और सर्वसम्मति वाले निर्णयों की आवश्यकता है, जो विकसित और विकासशील देशों सहित अधिकांश अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय को प्रतिबिंबित करते हैं. उन्होंने कहा, ‘अब वैश्विक अर्थव्यवस्था और पूरी दुनिया में स्थिति के लिए सामूहिक, सर्वसम्मति वाले निर्णयों की आवश्यकता है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विशाल बहुमत – विकसित और विकासशील दोनों देशों – की राय को प्रतिबिंबित करते हैं.” रूस के राष्ट्रपति ने कहा, ‘दुनिया क्रांतिकारी परिवर्तन की प्रक्रियाओं से गुजर रही है. वैश्विक आर्थिक विकास के नए शक्तिशाली केंद्र उभर रहे हैं और मजबूत हो रहे हैं. वैश्विक निवेश, व्यापार और उपभोग गतिविधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एशियाई, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी क्षेत्रों में स्थानांतरित हो रहा है, जहां दुनिया की अधिकांश जनसंख्या रहती है.’
अफ्रीका भेजे गए रूसी अनाज से भरे जहाज
उन्होंने कहा कि मुफ्त रूसी अनाज वाले पहले जहाज अफ्रीका भेजे गए थे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाजार में उथल-पुथल बढ़ती जा रही है. पुतिन ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था कुछ राज्यों की गलत सोच वाली व्यापक आर्थिक नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम अनुभव कर रही है. उन्होंने कहा, ‘बाजारों में उथल-पुथल बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय वित्तीय क्षेत्र, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा में पुरानी समस्याएं बदतर हो रही हैं. वैसे, रूस इस क्षेत्र में अपने सभी दायित्वों को पूरा करता है और सबसे बड़े खाद्य निर्यातकों में से एक बना हुआ है. आज, मैं चाहता हूं आपको सूचित करें कि जरूरतमंद देशों के लिए मुफ्त रूसी अनाज वाले पहले जहाज अफ्रीका भेजे गए हैं.’
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