बिना काम कराये लग रही मनरेगा श्रमिकों की फर्जी हाजिरी
5 दिनों में दो लाख रुपए की धांधली आई सामने जिम्मेदार अधिकारी मौन
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देवरिया। सरकार की महात्वाकांक्षी योजना मनरेगा जनपद देवरिया में भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ कर रह गई हैं जिस पर जो वास्तविक मनरेगा श्रमिक हैं वह परेशान हैं। वजह यह है की मनरेगा योजना में जो मजदूर कभी काम पर नहीं जाते उनकी हाजिरी लगा उनके खाते में पेमेंट भेज निकलवा लिया जाता है। मामला जनपद के देसही देवरिया विकास खण्ड के बरवा मीर छापर ग्राम पंचायत का हैं जहां चल रही सभी परियोजनाओं की पड़ताल की गई तो मस्टरोल में हाजिरी लगी मजदूरों की जो फोटो अपलोड की गई हैं वो सभी परियोजनाओं में एक ही फोटो दिखाई दे रही है।इन परियोजनाओं पर बिना मजदूर लगाए पहले के फोटो को अपलोड कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। बरवां मीर छापर में मनरेगा योजना के तहत तीन परियोजनाओं पर मिटटी खुदाई व भराई कार्य चल रहा है। पहली परियोजना संतोष के घर तक चक रोड पर मिट्टी कार्य 30 दिसंबर से 12 जनवरी 2024 तक तीन सेट मास्टरोल में 22 मजदूर प्रतिदिन दिन काम पर दिखाया गया है, तो वहीं दूसरी परियोजना अनिल के खेत से गुल सफाई व खुदाई कार्य 30 दिसंबर से 12 जनवरी 2024 तक 8 सेट मास्टर रोल में 71 मजदूर प्रतिदिन काम पर है, तो तीसरी परियोजना पुरैनी सिवान से प्रभुनाथ के खेत तक गुल की खुदाई सफाई मिट्टी कार्य 23 दिसंबर से 5 जनवरी तक 7 सेट मास्टर रोल में 65 मजदूर प्रतिदिन काम पर कागजों में दिखाया गया हैं।इन सभी परियोजनाओं में श्रमिक नदारद मिले जबकि ऑन लाइन हाजिरी शत प्रतिशत पाई गई।अब देखने वाली बात होगी कि मनरेगा योजना में चल रहे फर्जीवाड़े पर जिम्मेदार अधिकारी किस तरह की कार्यवाही करते हैं या इसी तरह मनरेगा योजना भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ती रहेगी और सरकारी धन का बंदरबाट होता रहेगा।इस संबंध में ग्राम प्रधान से पक्ष लेने का प्रयास किया गया परंतु ख़बर लिखे जाने तक संपर्क नहीं हो सका। खंड विकास अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम में व्यस्त हूं फ्री होने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
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