जयन्ती पर याद किये गये छत्रपति साहू जी महाराज, समाजवादियों ने किया योगदान पर विमर्श
बस्ती - गुरूवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर सपा जिलाध्यक्ष और बस्ती सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में छत्रपति साहू जी महाराज को उनकी 151 वीं जयन्ती पर याद किया गया। उपस्थित नेताओं ने छत्रपति साहू जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण के बाद उनके योगदान पर चर्चा किया।
सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि छत्रपति साहू महाराज ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने राजा होते हुए भी दलित और शोषित वर्ग के कष्ट को समझा और सदा उनसे निकटता बनाए रखी। उन्होंने दलित वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की थी। गरीब छात्रों के छात्रावास स्थापित किये और बाहरी छात्रों को शरण प्रदान करने के आदेश दिए। साहू महाराज के शासन के दौरान ‘बाल विवाह’ पर ईमानदारी से प्रतिबंधित लगाया गया। उन्होंने अंतरजातीय विवाह और विधवा पुनर्विवाह के पक्ष में समर्थन की आवाज उठाई थी। इन गतिविधियों के लिए महाराज साहू को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। साहू महाराज ज्योतिबा फुले से प्रभावित थे और लंबे समय तक ‘सत्य शोधक समाज’, फुले द्वारा गठित संस्था के संरक्षण भी रहे। ऐसे महापुरूषों से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, विधायक राजेन्द्र चौधरी, प्रवीण पाठक, जावेद पिण्डारी, मो. स्वाले, राजेन्द्र, मो. सलीम, संजय गौतम, आर.डी. निषाद, रन बहादुर यादव, अरविन्द सोनकर आदि ने कहा कि छत्रपति साहू महाराज ने दलित और पिछड़ी जाति के लोगों के लिए विद्यालय खोले और छात्रावास बनवाए। इससे उनमें शिक्षा का प्रचार हुआ और सामाजिक स्थिति बदलने लगी। परन्तु कुछ लोगों ने इसका विरोध किया। वे छत्रपति साहू महाराज को अपना शत्रु समझने लगे। उनके पुरोहित तक ने यह कह दिया कि- ‘आप शूद्र हैं और शूद्र को वेद के मंत्र सुनने का अधिकार नहीं है। छत्रपति साहू महाराज ने इस सारे विरोध का डट कर सामना किया। ऐसे महापुरूष को सदैव याद करने की आवश्यकता है।
जयन्ती अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से कक्कू शुक्ल, हनुमान चौधरी, राहुल सिंह, नितराम चौधरी, विश्वम्भर चौधरी, तूफानी यादव, अकबर अली, भोला पाण्डेय, रिन्टू यादव, गौरीशंकर यादव, अशोक कुमार यादव, मन्शाराम कन्नौजिया, हृदयराम यादव, जगदीश यादव, रविकान्त निषाद, उदित पाण्डेय, लालमन यादव, पवन कुमार मोदनवाल, रामचन्दर यादव, युनुस आलम के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।
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