रेलवे में नौकरी: 1.39 लाख पदों के लिए 2.37 करोड़ अभ्यर्थी
नई दिल्ली: रेलवे की नौकरियों के लिए युवाओं में भारी क्रेज है। हाल ही में 1.39 लाख रिक्तियों को भरने के लिए दो बड़ी परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। इसके लिए 2.37 करोड़ से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित हुए। संसद सत्र के दौरान पिछले पांच वर्ष में और चालू वर्ष में 302550 (अंतिम) अभ्यर्थियों को विभिन्न समूह 'ग' पदों (स्तर-1 और संरक्षा संबंधित पदों सहित) के लिए पैनलबद्ध किया गया है।
संसद सत्र में लोकसभा सदस्य एम.वी.वी सत्यनारायण ने सात फरवरी को रेलवे मंत्री से पूछा था कि विगत पांच वर्षों में रेलवे द्वारा भर्ती किए गए नए कर्मचारियों का ब्यौरा क्या है। क्या इस प्रकार भर्ती किए गए नए कर्मचारियों की संख्या में समय के साथ कमी आई है। यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। क्या रेलवे अगले कुछ वर्षों में अपने कार्यबल में कटौती करने की योजना बना रही है। यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है।
उसके जवाब में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया, भारतीय रेल के आकार, स्थानिक विस्तार और परिचालन की महत्ता को देखते हुए इसमें पदों का रिक्त होना और उन्हें भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है। उन रिक्तियों को परिचालनिक आवश्यकताओं के अनुसार, रेलवे द्वारा मुख्यत: भर्ती एजेंसियों को मांगपत्र देकर भरी जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान, पद रिक्त हो सकते हैं। इन्हें बाद में भरा जाता है।
हाल ही में 1.39 लाख रिक्तियों को भरने के लिए दो बड़ी परीक्षाएं आयोजित की गई थीं, जिसमें 2.37 करोड़ से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित हुए हैं। केंद्रीयकृत रोजगार सूचना, 1/2019 (गैर तकनीकी लोकप्रिय कोटियां) के लिए पहले चरण की कंप्यूटर आधारित परीक्षा 1.26 करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों के लिए 28 दिसंबर 2020 से 31 जुलाई 2021 तक 7 चरणों में 15 भाषाओं में 211 शहरों के 726 केंद्रों पर 68 दिनों में 133 शिफ्टों में आयोजित की गई थी। इसी तरह केंद्रीयकृत रोजगार सूचना आरआरसी 1/2019 (लेवल 1) के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा 1.11 करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों के लिए 17 अगस्त 2022 से 11 अक्तूबर 2022 तक पांच चरणों में 15 भाषाओं में 191 शहरों के 551 केंद्रों पर 33 दिनों में 99 शिफ्टों में आयोजित की गई थी।
रेल मंत्री ने सदन को बताया, कार्यभार की बदलती स्थितियों, नई प्रौद्योगिकियों की शुरुआत, कार्यप्रणाली, नई परिसंपत्तियों के सृजन आदि को ध्यान में रखते हुए जनशक्ति नियोजन में स्वीकृत पदों की संख्या की निरंतर समीक्षा करने की आवश्यकता होती है। रेलों में विभिन्न गतिविधियों के लिए नियमित रूप से कार्य अध्ययन किए जाते हैं। यह कार्य भारतीय रेल को अपने मानव संसाधनों का सबसे कुशल और उत्पादक तरीके से उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
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