17 ओवर में श्रेयस-सुदर्शन के तूफान में बिखरी साउथ अफ्रीका
पहले वनडे मुकाबले में आठ विकेट से भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हरा दिया है। पहले गेंदबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने शानदार गेंदबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका को 116 रनों के छोटे स्कोर पर ही पवेलियन लौटा दिया था। वहीं भारतीय टीम को जीत के लिए 117 रन चाहिए थे, जो टीम ने 16.4 ओवर में ही हासिल कर लिया। अब दोनों टीमों के बीच दूसरा एकदिवसीय मुकाबले 19 दिसंबर को पोर्ट एलिजाबेथ में खेला जाएगा। पहले वनडे मुकाबले में भारतीय टीम को टारगेट का पीछा करने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। भारतीय टीम का पहला विकेट ऋतुराज गायकवाड़ के तौर पर आउट हुआ जो 23 रन बनाकर पवेलियन लौटे। इसके बाद साइन सुदर्शन और श्रेयस अय्यर ने 88 रनों की साझेदारी की और मैच में भारत को शानदार जीत दिला दी। इस मैच में शानदार प्रदर्शन साइ सुदर्शन ने किया। चाइनीस मैच में 43 गेंद में नाबार्ड 55 रनों की पारी खेली। बता दे की साइन सुदर्शन का यह डेब्यू मुकाबला था। वही साइन का इस जीत में साथ दिया श्रेयस ने जिन्होंने 45 गेंद में 52 रनों की बेहतरीन पारी खेली।
ऐसा रहा था मैच
भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह और आवेश खान की शानदार गेंदबाजी के सामने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिये जिससे तीन मैचों की श्रृंखला के पहले वनडे में टीम 27.3 ओवर के अंदर महज 116 रन पर आउट हो गयी। अर्शदीप ने अपने 10 ओवर के कोटे में 37 रन देकर पांच विकेट लिये जबकि आवेश ने आठ ओवर में 27 रन पर चार विकेट चटकाये। एक सफलता कुलदीप यादव (तीन रन पर एक विकेट) को मिली। दक्षिण अफ्रीका के लिए एंडिले फेहलुकवायो ने 33 और सलामी बल्लेबाज टोनी डी जोरजी ने 28 रन का योगदान दिया। मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में युवा भारतीय तेज गेंदबाजों के सामने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज असहज नजर आये। अर्शदीप, आवेश और मुकेश कुमार (सात ओवर में बिना किसी सफलता के 46 रन) की तिकड़ी ने इस मैच से पहले कुल सात विकेट लिये थे लेकिन इस मैच में ही उन्होंने नौ विकेट साझा किये। मुकेश को हालांकि किस्मत का साथ नहीं मिला।
पारी की पहली ही गेंद पर पगबाधा की उनकी अपील को मैदानी अंपायर ने खारिज कर दिया और टीम ने रिव्यू नहीं लेने का फैसला किया। रीप्ले में हालांकि रीजा हेंड्रिक्स आउट दिख रहे थे। दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत के खिलाफ कोलकाता में अपने पिछले एकदिवसीय (विश्व कप) में महज 83 रन पर आउट हो गयी थी। भारत के लिए विश्व कप फाइनल खेलने वाली टीम के सिर्फ तीन खिलाड़ी कप्तान केएल राहुल, कलाई के स्पिनर कुलदीप और मध्यक्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर इस मैच का हिस्सा है। ऐसे में टीम के युवा तेज गेंदबाजों ने अपनी प्रतिभा से प्रभावित किया। भारतीय गेंदबाजों ने यह सुनिश्चित किया कि दक्षिण अफ्रीका के ज्यादातर बल्लेबाजों को क्रीज से बाहर निकलने या बैकफुट पर जाने का मौका नहीं मिले।
इस दौरान अर्शदीप और आवेश दोनों के पास हैट्रिक विकेट लेने का मौका था लेकिन वे चूक गये। अर्शदीप पारी के दूसरे ओवर में लगातार गेंदों पर हेंड्रिक्स और रासी वान डर डुसेन को खाता खोले बगैर आउट करने के बाद पावरप्ले के अंदर चार विकेट चटकाये। इसमें आक्रामक बल्लेबाजी करने वाले टोनी डी जोरजी (28) और हेनरिक क्लासेन (06) का विकेट भी शामिल है। जोरजी ने 22 गेंद की अपनी पारी में दो चौके और दो छक्के लगाये। पावरप्ले के बाद गेंदबाजी आक्रमण पर आये आवेश ने अपनी पहली गेंद पर कप्तान एडेन मार्कराम (12) को अंदर आती गेंद पर बोल्ड किया और फिर अपनी तेज गति से अनुभवी डेविड मिलर (02) को चकमा देकर चलता किया। वियान मुलडर (शून्य) और केशव महाराज (04) को भी आवेश की गति से सामंजस्य बैठाने में परेशानी हुई। आठवें क्रम के बल्लेबाज फेहलुकवायो ने 33 रन की पारी खेलकर टीम के स्कोर को 100 रन के पार पहुंचाया। वह 49 गेंद की पारी में तीन चौके और दो छक्के लगाने के बाद अर्शदीप सिंह का पांचवां शिकार बने।