दिल्ली आबकारी घोटालाः अरुण पिल्लै की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ी
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के आरोपित अरुण पिल्लै को पत्नी की देखरेख के लिए मिली अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने ये आदेश दिया।
अरुण पिल्लै की ओर से पेश वकील नीतेश राणा ने कहा कि आरोपित की पत्नी की सर्जरी के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर कुछ समस्या शुरू हो गई। राणा ने अपनी पत्नी की देखरेख के लिए आरोपित को ट्रायल कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 18 दिसंबर, 2023 को अरुण पिल्लै को दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने अरुण पिल्लै को चार लाख रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अंतरिम जमानत के दौरान अरुण पिल्लै हैदराबाद से बाहर तब तक नहीं जाएंगे जब तक कि उन्हें अपनी पत्नी की इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत हो। कोर्ट ने उन्हें साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करने का आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान अरुण पिल्लै की ओर से पेश वकील नीतेश राणा ने कहा था कि डॉक्टरों ने पिल्लै की पत्नी की सर्जरी की सलाह दी है और इसके लिए अस्पताल में भर्ती करने को कहा है। इसके पहले कोर्ट ने 7 दिसंबर को अरुण पिल्लै को अपनी पत्नी की सर्जरी के लिए पांच दिनों की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। उसके बाद 13 दिसंबर को फिर कस्टडी पेरोल 16 दिसंबर तक बढ़ाई गई थी।
ईडी ने इस मामले में दाखिल पूरक चार्जशीट में अरुण रामचंद्र पिल्लै और अमनदीप ढल को आरोपित बनाया है। चार्जशीट में कहा गया है कि पिल्लै ने जांच के दौरान झूठा बयान दिया। अरुण पिल्लै ने साक्ष्यों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई। दो साल में उसने पांच मोबाइल फोन नष्ट किए। ईडी के मुताबिक जांच के दौरान अरुण पिल्लै घोटाले के दौरान इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन पेश नहीं कर सका। अरुण पिल्लै के पास जो फोन थे, उसमें लोगों से बातचीत का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला । इससे साफ है कि अरुण पिल्लै ने साक्ष्यों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई।
ईडी के मामले में अरुण पिल्लै को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था जबकि अमनदीप ढल को 1 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। पिल्लै पर आरोप है कि उसने दूसरे आरोपित समीर महेंद्रू से रिश्वत की रकम इकट्ठा कर दूसरे आरोपितों को दी।