छींकने पर चालीस हजार ड्रॉपलेट्स निकलते बाहर
लखनऊ। छींक आना शरीर में किसी भी तरह की बैक्टीरिया आने के संकेत हैं,जिसे शरीर स्वीकार्य न करते हुए उसे छींक के द्वारा बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं। यह जानकारी रविवार को फार्मासिस्ट फेडरेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने कही। उन्होंने कहा कि लोगों में तरह तरह की भ्रांतियां फैली है। मेडिकली देखा जाए तो घर से बाहर निकल रहे हैं और सामने से कोई छींक दे या आपको छींक आ जाए तो थोड़ी देर रुक कर फिर जाना चाहिए।
छींक शरीर का एक डिफेंस मेकैनिज्म है, बाहरी बैक्टीरिया आ रही है या कोई ऐसी चीज जो आपके नाक के अंदर इरिटेशन पैदा करती है, तो उस समय नाक के अंदर से नर्वस सिस्टम द्वारा दिमाग को एक मैसेज भेजा जाता है और एक रिफ्लेक्शन होता है। जिसमें जोर से एक साथ फोर्स के साथ अंदर से हवा सांस के साथ छींक के रूप में बाहर निकलती है। जिससे वहां पर आया हुआ बैक्टीरिया, वायरस या कोई ऐसा पदार्थ जिससे एलर्जी हो रही है वह छींक के माध्यम साथ बाहर निकल जाता है।
उन्होंने कहा कि शोध के अनुसार एक बार छींकने पर लगभग 40 हजार ड्रॉपलेट्सबाहर निकलते हैं, जो 8 से 9 मीटर तक फैल सकते हैं। इसलिए यह कहा जाता है कि जब आप बाहर निकल रहे हो यदि सामने से कोई छींक दे या आपको छींक आ जाए तो बाहर ना जा कर थोड़ी देर रुक जाना चाहिए, क्योंकि उस व्यक्ति के करीब या उस दायरे में जाने पर वह बैक्टीरिया जो उसके ड्रॉपलेट्स से निकला है और एक बड़े दायरे में फैल गया है, वह आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए थोड़ी देर रुक जाना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा।