दो साल में पांच लाख लोगों को AI की ट्रेनिंग, सरकार और माइक्रोसॉफ्ट में करार

दो साल में पांच लाख लोगों को AI की ट्रेनिंग, सरकार और माइक्रोसॉफ्ट में करार

नई दिल्ली। दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेज गति से प्रसार को देखते हुए भारत में सभी सेक्टर में एआई के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक्टिव हो गई है। इस दिशा में अगले दो साल में पांच लाख लोगों को एआई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, इंडियाएआई मिशन के तहत 1000 एआई स्टार्टअप को भी सभी प्रकार की मदद दी जाएगी।
 
इस काम के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी एजेंसी इंडियाएआई और आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी माइक्रोसाफ्ट के बीच करार किया गया है। एआई से जुड़े फ्रेमवर्क व मानकों जैसी चीजों को तय करने के लिए देश में एआई सेफ्टी इंस्टीट्यूट की भी स्थापना की जाएगी। प्रशिक्षण पाने वालों में छात्र, शिक्षक, साफ्टवेयर डेवलपर्स, सरकारी कर्मचारी व महिला उद्यमी मुख्य रूप से शामिल होंगे।
 
ग्रामीण भारत तक पहुंचेगा AI
ग्रामीण भारत तक एआई की पहुंच को ले जाने के लिए टियर-2 व टियर 3 शहरों में एआई केटालिस्ट की स्थापना की जाएगी। इस केटालिस्ट सेंटर के माध्यम से एक लाख एआई इनोवेटर्स और डेवलपर्स तैयार किए जाएंगे। इंडियाएआई और माइक्रोसाफ्ट के सहयोग से देश के 10 राज्यों में स्थित राष्ट्रीय स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में एआई प्रोडक्टिविटी लैब भी स्थापित किए जाएंगे।
 
इस लैब की मदद से 20,000 शिक्षक और एक लाख छात्रों को एआई के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा प्रमुख सेक्टर के लिए एआई आधारित सोल्यूशन विकसित करने पर भी फोकस किया जाएगा। सबसे बड़ी बात है कि एआई की बेसिक जानकारी व प्रशिक्षण भारतीय भाषा में दी जाएगी।
 
इंडियाएआई मिशन के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि इस प्रशिक्षण से नैतिकता आधारित एआई का प्रसार होगा और एआई स्टार्टअप को मदद मिलने से आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। भारत एआई सेक्टर में दुनिया का नेतृत्व करना चाहता है और दुनिया के साथ मिलकर एआई का वैश्विक फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है।
 
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया एंड साउथ एशिया के प्रेसिडेंट पुनीत चंडोक ने कहा, 'पूरी दुनिया एआई के क्षेत्र में भारतीय नेतृत्व की तरफ आशा से देख रही है। भारत में रेलटेल, अपोलो हॉस्पिटल्स, बजाज फिनसर्व, महिंद्रा ग्रुप और अपग्रैड जैसे हमारे पार्टनर देश को एआई के साथ आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं। हम भारतीय अर्थव्यवस्था के अलग-अलग सेक्टर्स के हमारे ग्राहकों द्वारा माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट, हमारे क्लाउड एवं एआई सॉल्यूशंस में दिखाए जा रहे विश्वास से अभिभूत हैं। हम इंडियाएआई मिशन का लाभ देश के कोने-कोने तक पहुंचाने तथा टेक्नोलॉजी एवं संसाधनों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए भी उत्साहित हैं।'

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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