एनबीआरआई में गुलाब एवं ग्लैडियोलस प्रदर्शनी का हुआ समापन
संस्थान निदेशक से सभी अतिथियों का जताया आभार
लखनऊ। फूलों के रंग बिरंगे किस्मों से रूबरू हुए शहरवासी । रविवार को सीएसआईआर - राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय गुलाब एवं ग्लैडिओलस प्रदर्शनी का समापन समारोह खुशनुमा माहौल में सफलतापूर्वक सेन्ट्रल लॉन में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों, उद्यान प्रेमियों और शहर के लोगों ने प्रदर्शनी में भाग लिया तथा विभिन्न पौधों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की । इस वर्ष कुल 24 रनिंग चैलेंज ट्रॉफी,शील्ड,कप एवं विभिन्न विजेताओं को 215 पुरस्कार प्रथम,द्वितीय एवं सांत्वना वितरित किये गए। इस वर्ष प्रदर्शनी में लखनऊ तथा अन्य शहरों से 47 प्रदर्शकों द्वारा 448 प्रविष्टियॉं प्रदर्शित की गईं।
पुरस्कार वितरण समारोह में प्रमुख सचिव, एम देवराज; अकादमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च, गाजियाबाद के निदेशक डॉ. मनोज कुमार धर एवं सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी गणमान्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर गणमान्य अतिथियों द्वारा संस्थान के नया लोगो एवं वर्ष 2024 का कैलेंडर को भी जारी किया गया। समारोह के प्रारम्भ में संस्थान के निदेशक डॉ. अजित कुमार शासनी ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए भीषण ठंड के मौसम के बावजूद इस प्रदर्शनी को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों और लखनऊ के नागरिकों को धन्यवाद दिया।
सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ के निदेशक डॉ. पीके त्रिवेदी ने कहा कि एनबीआरआई पुष्प प्रदर्शनी लखनऊवासियों के बीच काफी लोकप्रिय है। संस्थान फूलों की खेती के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है और पूरे देश में सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन को लागू करके किसानों को लाभान्वित भी कर रहा है। डॉ. मनोज कुमार धर निदेशक एसीएसआईआर, गाजियाबाद ने फूलों की खेती और पौधों के संरक्षण के क्षेत्र में एनबीआरआई के प्रयासों की सराहना की। पुष्प प्रदर्शनी में विभिन्न फूलों की सुंदरता देखकर वह मंत्रमुग्ध हो गये।
एम. देवराज ने अपने संबोधित करते हुए कहा कि फूल जन्म से ही हमारे जीवन काल में विभिन्न भूमिका निभाते हैं। भारत में फूलों की खेती और बागवानी क्षेत्र में बहुत व्यापक संभावनाएं हैं। हम युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों का नेटवर्क बनाने के लिए कई संगठनों के साथ काम कर रहे हैं। समारोह के अंत में संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. श्रीकृष्ण तिवारी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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