पिता की मृत्यु का झूठा बहाना बनाकर वकील ने मुकदमा सुनवाई टालने की मांग की
झूठ पकड़े जाने पर कोर्ट ने बार काउंसिल को कार्रवाई का निर्देश दिया
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता को अपने पिता की मृत्यु का झूठा बहाना बनाकर मुकदमे की सुनवाई टालने की मांग करना महंगा पड़ गया। उनका झूठ पकड़े जाने के बाद हाईकोर्ट ने बार काउंसिल को अधिवक्ता के विरुद्ध एडवोकेट्स एक्ट के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने की। मुरादाबाद के गौहर व दो अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह प्रकरण सामने आया। याचिका जब सुनवाई के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुई तो याची के अधिवक्ता शिव प्रकाश की ओर से उनके सहयोगी ने न्यायालय से मुकदमे की सुनवाई स्थगित का अनुरोध किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि शिव प्रकाश के पिता की मृत्यु हो गई है। इसलिए आज के लिए सुनवाई टाल दी जाए।
सरकारी वकील ने मुकदमे की सुनवाई स्थगित करने की मांग का विरोध किया। उन्होंने न्यायालय को बताया कि शिव प्रकाश के बार काउंसिल में पंजीकरण में दर्ज विवरण के अनुसार उनके पिता का नाम स्वर्गीय श्यामलाल तिवारी दर्ज है। इसका अर्थ है कि उनके पिता की काफी पहले मृत्यु हो चुकी है। इतना ही नहीं शिव प्रकाश आज एक अन्य पीठ के समक्ष एक जमानत याचिका पर बहस करने के लिए उपस्थित हुए थे। इस पर कोर्ट ने शिव प्रकाश को अदालत में तलब किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनके पिता की मृत्यु उनके वकालत के पेशे में आने से काफी पहले हो चुकी है। कोर्ट ने कहा कि अधिवक्ता जानबूझकर अदालत में उपस्थित होने से बच रहे हैं और पिता की मृत्यु के आधार पर स्थगन मांग रहे हैं। अधिवक्ता का आचरण इस न्यायालय में वकील होने के अनुरूप नहीं है। कोर्ट ने बार काउंसिल को निर्देश दिया है कि वह अधिवक्ता से स्पष्टीकरण लेकर दो माह के भीतर उनके विरुद्ध अधिवक्ता अधिनियम के तहत कार्रवाई करें।
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