केजीएमयू में पहली रोबोटिक हर्निया सर्जरी
भविष्य में छात्रों के लिए प्रशिक्षण और शोध उद्देश्यों होगा सहायक
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में हालही में रोबोटिक सर्जरी का शुभारंभ हुआ था। जिसमें शुक्रवार को इनगुइनल हर्निया की रोबोट सहायता से पहला मरीज ठीक किया गया। शनिवार को छुट्टी दी जाएगी। मरीज को उसके लक्षणों से राहत मिल गई है और ओपीडी में उसका इलाज जारी रहेगा। ये जानकारी प्रो डाक्टर केके सिंह ने दी।
उन्होने बताया कि मरीज को पिछले कुछ वर्षों में हर्निया (इनगुइनल और वेंट्रल) के साथ-साथ अन्य नियमित और जटिल न्यूनतम पहुंच सर्जरी के लिए रोबोटिक सर्जिकल प्रणाली का उपयोग बढ़ा है। वर्तमान में उनका उपयोग मुख्य रूप से बड़े निजी अस्पतालों और सरकारी संस्थानों के कुछ केंद्रों तक ही सीमित है क्योंकि खर्च अधिक है।
डाक्टर सिंह के मुताबिक,केजीएमयू के लिए यह गर्व की बात है और आम जनता के लिए किफायती नैदानिक देखभाल के साथ चिकित्सा शिक्षा में इसकी लंबी विरासत को देखते हुए एक नए युग की शुरुआत है। यह कम लागत वाली भारतीय रोबोटिक सर्जिकल प्रणाली मंत्रा केजीएमयू में कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद और उनकी विशेषज्ञ टीम के प्रयासों से स्थापित की गई है और यह कार्डियोथोरेसिक सर्जन के स्वामित्व वाली भारतीय कंपनी एसएसआई मंत्रा से है और इसके अलावा, इस रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम का उपयोग सीडीएससीओ द्वारा टेली-सर्जरी के लिए अनुमोदित है।
उन्होंने कहा,यह रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम भविष्य में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के आगे के प्रशिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए भी सहायक होगा। यदि शुरुआती कुछ मामलों में मरीजों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के यह सुविधा दी जा रही है, लेकिन भविष्य में आम जनता को लागत प्रभावी तरीके से रोबोटिक सर्जरी का लाभ उठाने के लिए अत्यधिक रियायती लागत लागू की जाएगी। रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम के उपयोग के लाभों में सर्जरी के दौरान बढ़ी हुई सटीकता, बेहतर थ्रीडी विजन और बेहतर एर्गोनॉमिक्स के अलावा छोटे निशानों की न्यूनतम पहुंच वाली सर्जरी, पोस्टऑपरेटिव दर्द में कमी और जल्दी ठीक होने जैसे समान लाभ शामिल हैं।
ऑपरेशन करने वाली टीम में प्रोफेसर डॉ हरविंदर सिंह पाहवा,डॉ अजय कुमार पाल एडिशनल प्रोफेसर और डॉ हर्ष रेजिडेंट डॉक्टर के साथ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉ विनोद श्रीवास्तव और टीम शामिल थी।
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