चुनावी माहौल में आबकारी का जिम्मा...अवसर और चुनौती दोनों!

वर्ष 2007 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. आदर्श सिंह बने नये एक्साइज कमिश्नर

चुनावी माहौल में आबकारी का जिम्मा...अवसर और चुनौती दोनों!

  • झांसी मंडलायुक्त रहे, पूर्व में चित्रकूट, कन्नौज, प्रतापगढ़ व बाराबंकी के डीएम भी रहे
  • गृह सहित कई प्रमुख विभागों में विशेष सचिव पद पर सचिवालय में रहे तैनात
लखनऊ। बुधवार को सुबह-सवेरे हुए वरिष्ठ आईएएस अफसरों के तबादले के क्रम में डॉ. आदर्श सिंह जो कि झांसी के मंडलायुक्त रहें...उन्हें नया आबकारी आयुक्त बनाया गया है। वैसे बता दें कि वो वर्ष 2007 बैच के आईएएस अफसर हैं और पूर्व में चित्रकूट, कन्नौज, प्रतापगढ़ और बाराबंकी के डीएम पद पर सफलतापूर्वक प्रशासनिक कार्य कर चुके हैं। वहीं शासन-प्रशासन व्यवस्था से जुड़े जानकारों की मानें तो डॉ. आदर्श काफी अनुशासित और अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी सचेत रहते हैं और रोजाना व्यस्त प्रशासनिक दिनचर्या से समय निकालकर खेल व व्यायाम आदि करते हैं।
 
वहीं बाराबंकी जनपद के तरूणमित्र टीम से जुड़े संवाददाताओं के मुताबिक डॉ. आदर्श यहां पर बतौर डीएम लम्बे समय तक कार्यरत रहें और राजस्व संकलन सहित जिले की अन्य जनसमस्याओं के हरसंभव निस्तारण को लेकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मियों को सजग करते रहते थे। वहीं अब चूंकि उनकी प्रशासनिक कार्यदक्षता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने डॉ. आदर्श को आबकारी आयुक्त जैसे अहम पद का दायित्व सौंपा।
 
तो ऐसे में माना जा रहा है कि चूंकि आगे 2024 का लोकसभा चुनाव भी प्रबल संभावित है और खासकर चुनावी माहौल में आबकारी विभाग से जुड़ी तमाम गतिविधियां काफी बढ़ जाती हैं। ऐसे में एक तरह से यह भी कहा जा सकता है कि सीनियर आईएएस डॉ. आदर्श (नवागत आबकारी आयुक्त) के तौर पर मौजूदा राजनीतिक परिवेश में आबकारी विभाग को एक ओर जहां उनकी प्रशासनिक कार्यदक्षता वाला विभागाध्यक्ष मिला है तो वहीं यह भी सही माना जा सकता है कि यूपी में पश्चिम और पूरब से सटी सीमाओं जैसे-यूपी और एनसीआर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर, यूपी-नेपाल-बिहार बॉर्डर, और यूपी-एमपी बॉर्डर पर आये दिन घटित अवैध शराब से जुड़ी गतिविधियां चुनौतीपूर्ण भी साबित हो सकती हैं।
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