डॉ. बीपीएस त्यागी ने इस्कॉन मंदिर की गंगा जल से की सफाई
इस्कॉन विधि के खिलाफ जाकर वीके सिंह द्वारा मंदिर की सफाई करने से आक्रोशित हैं डॉ. त्यागी , कई और सवालों पर घेरा केंद्रीय मंत्री को
- गाजियाबाद, ( तरूणमित्र ) राष्ट्रवादी जनसत्ता दल के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी व वरिष्ठ ईएनटी सर्जन प्रोफेसर डॉ. बीपीएस त्यागी ने रविवार को राजनगर स्थित इस्कॉन मंदिर की गंगाजल से सफाई की। यह कदम उन्होंने स्थानीय सांसद व केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग एवं नागर विमानन राज्यमंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह द्वारा इस्कॉन की विधि का पालन नहीं कर शुक्रवार को इस्कॉन मंदिर की सफाई करने से आक्रोशित होकर उठाया है। इस अवसर पर डॉ. त्यागी ने वीके सिंह से सवाल किय कि बीजेपी की एक सांसद ने पिछले दिनों इस्कॉन को गाय कटवाने वाली संस्था बताया था। अब इस्कॉन मंदिर की सफाई करके वीके सिंह जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं? वह भी इस्कॉन विधि का उल्लंघन करके। साथ ही डॉ. त्यागी ने इस्कॉन के सदस्यता छोड़ने के सवाल पर कहा कि अपने गुरु जी के निर्देश के बाद उन्होंने अपना निर्णय वापस लिया है। इस्कॉन में कोई भी कार्य से पहले महामंत्र का जाप किया जाता है जो उन्होंने नहीं किया। एक तरह से उन्होंने इस्कॉन विधि का घोर अपमान किया है। उन्हें इसके लिए इस्कॉन और जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निमंत्रण को लेकर गाजियाबाद का नाम और प्रसिद्ध ज़रूर हो गया है। यह गाजियाबाद जनपद के लिए बड़ी बात है,ऐसे सांसद हमे मिले है,जिन्होंने पिछले दस सालो में ग़ाज़ियाबाद में इलेक्शन के मोके पर देखा जाता है। बीपी त्यागी ने कहा कि अहम बात तो यह है कि सांसद 10 साल में पहली बार इस्कॉन मंदिर में सफ़ाई करने का नाटक करते हैं। इन्हीं की एक पूर्व मंत्री श्रीमती मेनका गांधी इस्कॉन को गाय को कटवाने वाली संस्था बताती है। उन्होंने कहा है कि गाजियाबाद के लिए गौरव का पल शायद वह होता जब मसांसद जनता के बीच में रहकर बिना लखनऊ फ़ोन करे यंहा चार हॉस्पिटल बनाते। हॉस्पिटल में मरीजों को सब सुविधाये मिलती। जच्चाबच्चा को समय से सुविधा मिलती। एम्बुलेंस समय से पहुँच कर मरीजों का इलाज समय से करवाती न की दिल्ली पहुँचाती, एम्बुलेंस में डिलीवरी के लिए मेल नर्स के बजाय फीमेल नर्स होती, तो कितना अछा होता ।हिंडन नदी चीख चीख कर बोल रही है के मुझे साफ़ करो , ग़ज़ियाबाद के सारे पार्क गंदे हैं। कूड़े को डिस्पोजल के लिये कोई जगह नहीं है । ग़ाज़ियाबाद की जनता को छोड़िए उनका एक भी जनप्रतिनिधि उनके साथ नहीं है। ग़ाज़ियाबाद के अधिकारियो को फ़ोन करवाया जाता है कि मेरे नाम के पथर नहीं लग रहे है । जो जन प्रतिनिधि पिछले 10 साल में जनता से नहीं मिला वह अब मंदिरों को साफ़ करने का नाटक करेगे तो क्या तीसरी बार जनता ऐसे प्रतिनिधि को अपना बहुमूल्य वोट देगी ?? सोच से परे है। उन्होंने सवाल किया कि गाजियाबाद में राज्यसभा सांसद हो या विधायक हो, लेकिन वह सिर्फ अपने क्षेत्र में ही रहकर भगवान की आस्था में लीन रहेंगे। लेकिन भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या जी में रहने का हसौभाग्य हमारे सांसद गाजियाबाद के मिस्टर इंडिया कभी न दिखने वाले जनरल वीके सिंह को ही क्यों प्राप्त हुआ है, गाजियाबाद का गौरव और सम्मान उनके रहते न तो बढ़ पाया है और आगे ही बढ़ पाएगा।
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