बहराइच; पतिव्रता नारियों का देवता भी गुणगान करते हैं:- मधुकर भैया
जरवल के तपेसिपाह में कथा सुनाते मधुकर भैया व कथा का श्रवण पान करते श्रोता
जरवलरोड बहराइच। जरवल के तपेसिपाह गांव में हर वर्ष की भांति नौ दिवसीय "मानस में सीता" विषयक आधारित संगीतमय श्री राम कथा अमृत वर्षा का आयोजन चल रहा है। मेरठ से पधारे कथा व्यास मधुकर भैया ने कथा के आठवें दिन पतिव्रता स्त्री की महत्ता एवं महानता पर प्रकाश डालते हुए सीता जी के अग्नि में निवास की कथा सुनाई।
रामम धाम आश्रम बरखंडी पुरवा तपेसिपाह में कथा सुनाते हुए कथा व्यास मधुकर भैया ने कहा माता सीता महान पतिव्रता नारी थी, राक्षसों से युद्ध के पूर्व भगवान श्री राम के आदेश पर माता सीता ने अग्नि में निवास किया था। इस प्रकार जो भी स्त्री माता सीता की भांति पति का सदा अनुकरण करती है उनकी बातों का सम्मान करती है उन महान पतिव्रता नारियों को तीनों लोको के देवता गुणगान और प्रणाम करते हैं। इतिहास गवाह है भारतीय पतिव्रता नारियों के आगे तीनों लोको के स्वामी और स्वयं यमराज को भी झुकना पड़ा है। यह पतिव्रता की महत्ता है। इस दौरान, महेश पंडित, योगेन्द्र पंडित, महेश चन्द्र, छोटू पंडित, रमेश, रंजीत, शत्रोहन,सौरभ, कृष्ण पाल, पवन, श्याम सुंदर, संजय, अमित, नन्हे निषाद समेत काफी संख्या में महिलाएं पुरुष व बच्चे उपस्थित रहे।
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