छत्तीसगढ़िया थीम से सजे आदर्श मतदान केंद्र

बच्चों के लिए प्ले जोन और बुजुर्गों के लिए बैठने की आरामदायक व्यवस्था

छत्तीसगढ़िया थीम से सजे आदर्श मतदान केंद्र

रायपुर। लोकतंत्र में निर्वाचन सबसे बड़ा उत्सव है।इसमें नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभाते हैं। इस लोकतांत्रिक उत्सव को नागरिकों के लिए यादगार बनाने रायपुर जिले में हैप्पी वोटिंग के लिए सभी विधानसभा में आदर्श मतदान केंद्र बनाये गये हैं। इन आदर्श मतदान केंद्रों में मतदाताओं को हैप्पी वोटिंग के लिए ऐसा यादगार माहौल बनेगा जो हमेशा के लिए उनकी स्मृतियों का हिस्सा हो जाएगा। इन मतदान केंद्रों में प्रवेश करते साथ ही ऐसा महसूस होगा कि हम किसी पर्व-त्यौहार का आयोजन हो रहा है। उनकी सजावट ऐसी की गई है, जैसे हम अपने निवास या किसी भवन का उत्सव के समय करते है।

उदाहरण के लिए धरमपुरा का आदर्श मतदान केंद्र देखें। यह इकोलाजिकल थीम से सजा है। पारागांव का मतदान केन्द्र छत्तीसगंढ़ी थीम को दर्शाता है। जहां छत्तीसगढ़िया संस्कृति की झलक मिलती है। सिविल लाइन स्थित आदर्श मतदान केंद्र में यहां बुजुर्गों के बैठने के लिए विशेष सुविधा है। शिशुवती महिलाओं के लिए बेबी फीडिंग सेंटर भी बनाये गये हैं। छोटे बच्चों के लिए किड जोन बनाये गये हैं यहां पर बच्चे खेल सकेंगे और उनकी माताएं मतदान कर सकेंगी। साथ दिव्यांगजनों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था है विशेष बात यह है इसे भी सजाया गया है जिसमें उन्हे भी हैप्पी हैप्पी की फील होगी।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि हमारे प्रदेश में निर्वाचन हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ की सुंदर परंपराओं की झलक यहां मिले, इसके लिए हमने इसे सुंदर चित्रों- प्रतीक चिन्हों से सजाया है और कुछ डिस्प्ले भी किया है। इसके साथ ही हमने सारी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान हमने रखा है। इसके साथ ही अन्य थीम के प्रयोग भी किये गये हैं जो नागरिकों को काफी पसंद आएंगे। इससे मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित होंगे और दूसरो को भी प्रेरित करेंगे। उल्लेखनीय है कि इन आदर्श मतदान केंद्रों में सेल्फी जोन भी बनाये गये हैं। पहली बार मतदान देने वाले युवा और अन्य लोग मतदान के पश्चात अपनी सेल्फी यहां ले सकेंगे। आदर्श मतदान केंद्रों का अनुभव सभी नागरिकों के लिए विशिष्ट होगा। इसके साथ ही कुछ आदर्श मतदान केंद्र ऐसे होंगे जिनमें जिम्मेदारी दिव्यांगजनों की होगी। कुछ आदर्श मतदान केंद्र ऐसे बनाये गये हैं जो युवाओं द्वारा प्रबंधित होंगे।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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