श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से मन के विकार दूर हो जाते हैं- कृपाराम महाराज

श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से मन के विकार दूर हो जाते हैं- कृपाराम महाराज

धमतरी।नगरी के ओसवाल भवन में सोनी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचक कृपाराम महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा जीते जी मनुष्य को मुक्ति प्रदान करता है, इसके श्रवण मात्र से मनुष्य की सारी कामनाएं पूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से मन के विकार दूर हो जाते हैं। कथा वाचक कृपाराम जी महाराज ने राजा परीक्षित संवाद, शुकदेव जन्म, कपिल संवाद का प्रसंग सुनाया। कथा वाचक ने शुकदेव परीक्षित संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार परीक्षित महाराज वनों में काफी दूर चले गए। उनको प्यास लगी, पास में समीक ऋषि के आश्रम में पहुंचे और बोले ऋषिवर मुझे पानी पिला दो मुझे प्यास लगी है, लेकिन समीक ऋषि समाधि में थे, इसलिए पानी नहीं पिला सके। परीक्षित ने सोचा कि इसने मेरा अपमान किया है मुझे भी इसका अपमान करना चाहिए। उसने पास में से एक मरा हुआ सर्प उठाया और समीक ऋषि के गले में डाल दिया। यह सूचना पास में खेल रहे बच्चों ने समीक ऋषि के पुत्र को दी। ऋषि के पुत्र ने नदी का जल हाथ में लेकर शाप दे डाला जिसने मेरे पिता का अपमान किया है आज से सातवें दिन तक्षक नामक सर्प पक्षी आएगा और उसे जलाकर भस्म कर देगा। समीक ऋषि को जब यह पता चला तो उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से देखा कि यह तो महान धर्मात्मा राजा परीक्षित है और यह अपराध इन्होंने कलियुग के वशीभूत होकर किया है। कथा सुनने काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

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