टेस्ट क्रिकेट से कोहली का संन्यास, एक सुनहरा अध्याय हुआ समाप्त
सात दिन में दूसरा झटका, रोहित के बाद विराट ने भी लिया विदाई का फैसला
- इंस्टाग्राम पोस्ट में जताया भावुक आभार
- 9,230 रन, 30 शतक और एक 'बैगी ब्लू' गर्व
- ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचने वाला पहला एशियाई कप्तान
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट को एक हफ्ते के भीतर दूसरा बड़ा झटका लगा है। रोहित शर्मा के बाद अब विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। सोमवार को विराट ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए अपने संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने सफेद जर्सी में बिताए 14 सालों के सफर को "शांत परिश्रम और जीवन भर के सबक वाला अनुभव बताया। कोहली ने लिखा, मैंने इस फॉर्मेट को अपना सब कुछ दिया और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा दिया है। 36 वर्षीय विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर में 123 मैच खेले और 9,230 रन बनाए। उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक जमाए।
कोहली ने सबसे ज्यादा नौ शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए, जबकि सबसे कम दो बांग्लादेश के खिलाफ। उनकी तकनीक, जुनून और मानसिक मजबूती ने उन्हें दुनिया के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में शामिल किया। विराट कोहली ने 2014 में भारत की टेस्ट कप्तानी संभाली और 2022 में उससे इस्तीफा दिया। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने 68 में से 40 टेस्ट मैच जीते, जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। उन्होंने भारत को न सिर्फ घरेलू मैदानों पर बल्कि विदेशों में भी बड़ी जीत दिलाई।
2018-19 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने आॅस्ट्रेलिया को उसकी जमीन पर 2-1 से हराया। यह भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी विदेशों में टेस्ट जीतों में से एक थी। यह पहली बार था जब भारत ने आॅस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट सीरीज अपने नाम की थी।कोहली की कप्तानी में भारत ने 2019 में वेस्टइंडीज को उसके घर में 2-0 से हराया। 2015 में नंबर-1 दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से मात दी।
इसके अलावा 2016-17 में इंग्लैंड को 4-0 से हराकर भारत ने अपनी घरेलू ताकत का भी जबरदस्त प्रदर्शन किया।कोहली के नेतृत्व में भारतीय टेस्ट टीम में आक्रामकता, फिटनेस और जुझारूपन की नई परिभाषा बनी। उन्होंने खिलाड़ियों को न सिर्फ मानसिक रूप से मजबूत बनाया, बल्कि टीम में आत्मविश्वास का नया माहौल तैयार किया, जो किसी भी चुनौती से पीछे न हटे।
टिप्पणियां