कुृपोषित बच्चों की पहचान और उपचार कार्य में तेजी लाएं अधिकारी : राजेश्वरी बी
रांची। महिला बाल विकास समाज कल्याण विभाग की दो दिवसीय समीक्षा सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का शुभारंभ बुधवार को किया गया। कार्यशाला में राज्य के 12 जिलों में समर अभियान कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा की गयी। विभाग की महानिदेशक राजेश्वरी बी ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं मेडिकल पदाधिारियों को कुपोषित बच्चों की पहचान और उपचार कार्य में तेजी लाने निर्देश दिया। समाज कल्याण निदेशक शशि प्रकाश झा ने समय पर कुपोषित बच्चों की पहचान एवं उपचार पर जोर देने की बात कही। उन्होंने टीएचआर वितरण, आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता तथा अति गंभीर कुपोषित बच्चों को समर कार्यक्रम के तहत ससमय डिजिटल प्लेटफार्म पर तय मानक पर उपचार एवं परामर्श-सुविधा पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समर कार्यक्रम के तहत अबतक 25 हजार से अधिक चिन्हित अति गंभीर कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी स्तर पर एसटीएस से सफल प्रबंधन कर उपचार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि समर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान छह माह से छोटे शिशुओं का प्रबंधन सहित समर अभियान के विभिन्न अवयवों पर यूनिसेफ, एससीओई, रिम्स द्वारा तकनीकि प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
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