ईरान से 110 भारतीय छात्र नई दिल्ली पहुंचे
ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों से हिला इजराइल
- रक्षामंत्री काट्ज ने खामेनेई को बताया आधुनिक हिटलर
- कहा कि इस आदमी को खत्म करना युद्ध के लक्ष्यों के अनुरूप
तेल अवीव। ईरान और इजराइल के बीच छिड़े सैन्य संघर्ष के सातवें दिन आज दोनों देशों में भारी तबाही की खबरें हैं। ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले से इजराइल हिल गया है। ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों की नई लहर से कई शहरों पर तेज बमबारी की है। द टाइम्स ऑफ इजराइल अखबार की खबर के अनुसार मिसाइलों की लहर थमने के बाद इजराइल के रक्षामंत्री काट्ज ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। होलोन में काट्ज ने तबाही देखकर कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आधुनिक हिटलर हैं।
उन्होंने कहा कि इस आदमी को खत्म करना युद्ध के लक्ष्यों के अनुरूप है। अस्पतालों और शहरों को निशाना बनाना ठीक नहीं है। इजराइल ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इजराइल डिफेंस फोर्जेज (आईडीएफ) ने कहा कि आईडीएफ ने ईरान के अराक रिएक्टर, परमाणु हथियार विकास स्थल और दर्जनों अन्य ठिकानों पर हमला किया है। मगर आईडीएफ ने आबाद आबादी और अस्पतालों को निशाना नहीं बनाया है।
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि निशाना बनाए गए सोरोका मेडिकल सेंटर से मरीजों को देश भर के अन्य अस्पतालों में भेजना शुरू कर दिया गया है। आज सुबह ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल से सोरोका का बड़ा हिस्सा मलबे के ढेर में बदल गया है। इस बीच आईडीएफ ने कहा कि ईरान झूठ बोलता है। सोरोका को सैन्य सुविधा के रूप में इस्तेमाल किए जाने का ईरान का दावा पूरी तरह झूठा है। वहीं भारत के 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत युद्धग्रस्त ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्र सकुशल स्वदेश पहुंच गए।
इन्हें ईरान से पहले अर्मेनिया पहुंचाया गया। वहां से हवाई जहाज से नई दिल्ली लाया गया। इनकी पहली उड़ान आज तड़के राष्ट्रीय राजधानी पहुंची। इनको ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने अर्मेनिया पहुंचाने में मदद की। अपने बच्चों को ठीक-ठाक देखकर घरवाले खुशी से झूम उठे। इनमें से ज्यादातर छात्र जम्मू-कश्मीर के हैं। ईरान से अपनी सरजमीं पर पहुंचे छात्र यासिर गफ्फार ने कहा कि वह अपने देश में आकर बहुत खुश है।
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