गाजा संघर्ष को लेकर विदेश नीति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

खरगे ने पूछा- क्या हमने नैतिक कूटनीति छोड़ दी?

गाजा संघर्ष को लेकर विदेश नीति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

  • गाजा प्रस्ताव पर भारत की गैरमौजूदगी शर्मनाक: प्रियंका
  • भारत ने हमेशा फलस्तीन का पक्ष लिया

नई दिल्ली। कांग्रेस ने गाजा संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में प्रस्ताव से भारत के दूरी बनाए रखने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में खरगे ने पूछा कि क्या भारत ने अपने लंबे समय से चले आ रहे नैतिक और गुटनिरपेक्ष कूटनीति के सिद्धांतों को त्याग दिया है? उनका कहना है कि भारत हमेशा शांति, संवाद और न्याय का पक्षधर रहा है और पश्चिम एशिया में यही नीति उसकी पहचान रही है। उन्होंने यह भी कहा, “60 हजार से अधिक लोगों की मौत के बीच भारत का मूकदर्शक बने रहना न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह उस नैतिक दायित्व से भी विमुख है जिसे भारत ने दशकों से निभाया है।”संयुक्त राष्ट्र महासभा में 149 देशों ने गाजा में संघर्षविराम के समर्थन में मतदान किया, जबकि भारत उन 19 देशों में शामिल था जिन्होंने मतदान से परहेज किया। 

खरगे के अनुसार, यह कदम भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर देता है। उन्होंने याद दिलाया कि 8 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस ने इज़राइल पर हमास के हमलों की कड़ी निंदा की थी। साथ ही, पार्टी ने 19 अक्टूबर को गाजा में तुरंत संघर्षविराम और मानवीय सहायता की मांग की थी।कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में युद्धविराम के लिए पेश प्रस्ताव पर मतदान से भारत की गैरमौजूदगी शर्मनाक है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि भारत ने हमेशा फलस्तीन का पक्ष लिया, लेकिन इस शानदार विरासत को मलबे में बदल दिया गया है।
 
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि 'यह बेहद शर्मनाक है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में युद्धविराम प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बनाई। भारत हमेशा से शांति, न्याय और इंसानी अस्मिता का समर्थक रहा है। फलस्तीन में 60 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं और इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। हजारों लोग भूख से मर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय मदद भी रोक दी गई है। यह मानवीय त्रासदी है। भारत ने हमेशा फलस्तीन का समर्थन किया है और यह सिद्धांतों की बात है न कि रणनीति की, लेकिन आज शानदार विरासत को मलबे में बदल दिया गया है।'कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी गाजा में युद्धविराम के प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने पर भारत सरकार की आलोचना की। 

सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा कि भारत सरकार ने तब स्टैंड लेने से इनकार कर दिया, जब गाजा में 60 हजार लोग मारे जा चुके हैं और गाजा की पूरी आबादी को बंद करके रखा गया है और उन्हें भूख से मरने के लिए छोड़ दिया गया है। प्रियंका गांधी ने लिखा कि ये शर्मनाक है कि हमारी सरकार न सिर्फ गाजा के मुद्दे पर चुप है बल्कि इस्राइल सरकार के ईरान पर हमले की भी खुशी मना रही है, जबकि ईरान के पूरे नेतृत्व को मार दिया गया है। कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया कि देश, संविधान के सिद्धांतों और आजादी के मूल्यों को कैसे छोड़ सकता है। आज दुनिया में भेदभाव बढ़ रहा है, हमें मानवता के लिए आवाज उठानी चाहिए और सच्चाई और अहिंसा के साथ पूरी निडरता के साथ खड़े होना चाहिए।

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